करगहर / रोहतास (संवाददाता):-किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर महागठबंधन द्वारा समर्थित किसानों के राष्ट्रव्यापी चक्का जाम को इंटर परीक्षार्थियों के ध्यान में रखते हुए 2:00 बजे दिन से 3:00 बजे दिन तक करगहर विधानसभा के पूर्व सीपीआई प्रत्याशी महेंद्र प्रसाद गुप्ता के नेतृत्व में सफल बनाया गया। वक्ताओं ने कहा किसान आंदोलन 70 दिन से ऊपर हो गया लेकिन सरकार किसानों के जायज मांग मानने की जगह किसान आंदोलन को बदनाम करने पर तुली हुई है। किसानों के धरना स्थल से बिजली पानी का सप्लाई बंद कर दिया गया है । कील कांटे गाड़ कर तारबंदी कर दिया गया है जैसे वह किसान ना होकर आतंकवादी हो । बीजेपी सरकार देश में नफरत का माहौल पैदा करना चाहती है। मुसलमान अपने हक की लड़ाई लड़ते हैं तो उन्हें पाकिस्तानी कहा जाता है। सिख अपनी हक की लड़ाई लड़ते हैं तो उन्हें खालिस्तानी कहा जाता है। छात्र नौजवान अपने हक की लड़ाई लड़ते हैं उन्हें देशद्रोही बोला जाता है। और आज किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे तो उन्हें आतंकवादी बोला जा रहा है। सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कानून लेकर आई है। हम किसानों का कहना है कि सरकार इस कानून में यह जोड़ दें की एम एस पी से कम मूल्य पर कोई भी खरीदारी करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। तीनों काला कृषि कानून के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई और संकल्प लिया गया कि जब तक तीनों काला कृषि कानून वापस नहीं होता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। चक्का जाम में काँग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष सुशील मिश्रा, कन्हैया उपाध्याय, राजद के मनोज सिंह यादव, मोहन पहलवान, किसान नेता श्री राम राय, बृजनंदन सिंह, रामचंद्र राम, जग नारायण गुप्ता, फेकू सेठ, सुग्रीव राम, अमरदेव राम ,सुरेश बैठा, लक्ष्मण पासवान ,कामेश्वर राम, चंद्रमा राम, दीनानाथ सेठ, इल्ताफ अंसारी, रमजान अंसारी, बीआर अंबेडकर भगत सिंह विचार मंच के राजवंश पासवान, किसान मजदूर सभा के अशोक कुमार इत्यादि सहित सैकड़ों किसान मजदूर भाग लिए।