दावथ /रोहतास (चारोधाम मिश्रा):- हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी मनाई जाती है। इसे सूर्य सप्तमी रथ या आरोग्य सप्तमी के नामों से भी जाना जाता है। । इसे सूर्य सप्तमी, रथ या आरोग्य सप्तमी के नामों से भी जाना जाता है। अगर यह सप्तमी तिथि रविवार को पड़ती है तो इसे अचला भानू सप्तमी कहा जाता है। इस वर्ष यह तिथि 19 फरवरी, शुक्रवार को पड़ रही है। सप्तमी तिथि भगवान सूर्य को समर्पित होती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान सूर्य देव ने रथ सप्तमी के दिन पूरी दुनिया को ज्ञान देना शुरू किया था जिसे भगवान सूर्य का जन्म दिवस भी कहा जाता है। इस दिन को सूर्य जयंती के रूप में भी जाना जाता है। रथ
सप्तमी अत्यधिक शुभ दिन माना गया है। इसे दान-पुण्य करने के लिए सूर्य ग्रह के रूप में शुभ माना जाता है। इस दिन अगर व्यक्ति भगवान सूर्य की पूजा करता है और व्रत का पालन करता है तो उसे सभी प्रकार के पापों से छुटकारा मिलता है। अरुणोदय के दौरान सूर्योदय से पहले स्नान करना एक स्वस्थ और सभी प्रकार की बीमारियों से व्यक्ति को मुक्त रखता है। इसलिए रथ सप्तमी को आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में इस दिन स्नान करने का भी अधिक महत्व है।