117 सृजन संवाद: निर्देशक से वार्ता एवं डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शन

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जमशेदपुर: सृजन संवाद ने 117 की संगोष्ठी का आयोजन मास कम्युनिकेशन विभाग करीम सिटी कॉलेज एवं नई दिल्ली फिल्म फाउंडेशन के के साथ मिलकर डॉक्यूमेंट्री फिल्म के प्रदर्शन के साथ किया गया इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली अनीता बरार द्वारा बनाई गई विभाजन की त्रासदी पर आधारित वृत्तचित्र ‘क्रॉसिंग द लाइन’ को दिखाया गया। इस अवसर पर अनीता बरार भी मौजूद थीं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए करीम सिटी कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग की अध्यक्ष डॉ नेहा तिवारी ने सृजन संवाद की सतत श्रृंखला पर चर्चा की। सृजन संवाद की संयोजिका डॉ विजय शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए यह कहा कि विदेशों से साहित्यकारों और फिल्म निर्माताओं का सृजन संवाद में जोड़ना एक सुखद संकेत है कार्यक्रम में शिरकत करते हुए करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मोहम्मद रियाज ने विभाजन को देश की वृहद त्रासदी बताया और साथ ही ऐसा ना होने पाए इस संकल्प को दोहराने की बात कही। इसके बाद नई दिल्ली फिल्म फाउंडेशन के आशीष कुमार सिंह ने अनीता बरार का विस्तृत परिचय दिया। जिससे ज्ञात होता है कि अनीता बरार ऑस्ट्रेलिया में सम्मानित मीडिया पेशेवर हैं।

इसके उपरांत डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई बेहद भाव प्रधान इस वृत्तचित्र में उन लोगों के साक्षात्कार शामिल किए गए हैं जिन्होंने भारत के विभाजन की त्रासदी स्वयं देखी है, भोगी है और अब जाकर ऑस्ट्रेलिया में बस गए हैं। हिंदू, मुस्लिम, सिख सभी परिवारों से बात करते हुए अनीता बरार ने एक संतुलित सामग्री प्रस्तुत की है। यह वृत्तचित्र एहसास कराता है कि गुस्से और जुनून में आदमी कितना छोटा और हिंसक हो जाता है और ऐसी त्रासदी एक दूसरे को दे देता है जो वर्षों तक पीछा नहीं छोड़ती है। सालों बाद आज भी यह परिवार उन जख्मों को दर्द के साथ याद करते हैं। पर किसी और के साथ ऐसा हो यह कतई नहीं चाहते।

वृतचित्र का अंत सुखद आशाओं से भरा हुआ है जहां ऑस्ट्रेलिया में यह परिवार एक दूसरे के साथ मिलजुल कर संबंध निभा रहे हैं। डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के बाद प्रश्नोत्तर के सिलसिले में प्रसिद्ध कथाकार ओमा शर्मा, वैज्ञानिक चेतना वेबसाइट के संस्थापक डी एन एस आनंद व एनडीएफएफ के फाउंडर आशीष सिंह ने भी हिस्सा लिया और अपने तमाम सवाल रखें। उत्तर के क्रम में अनीता बरार ने बताया कि उनके माता-पिता भी विभाजन की त्रासदी से गुजरे थे। उन्होंने देश और विदेश से मिले सहयोग के लिए भी सब का धन्यवाद व्यक्त किया । उल्लेखनीय है कि इस डॉक्यूमेंट्री को विश्व के कई सिनेमा महोत्सव में दिखाया जा चुका है और हर जगह इसने सराहना बटोरी है। कार्यक्रम में करीम सिटी कॉलेज के फैकेल्टी मेंबर्स, मास कम्युनिकेशन के विद्यार्थी शामिल थे। तकनीकी सहयोग सैय्यद शाहजेब परवेज का रहा।

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