न्यूजभारत20 डेस्क:- 24 घंटे की जनगणना वाटर होल विधि का उपयोग करके की जा रही है, जिसके लिए किसी को वाटर होल के पास एक मचान पर बैठना होगा और क्षेत्र में पानी पीने के लिए आने वाले जानवरों पर ध्यान देना होगा। राजस्थान वन विभाग ने 24 मई को वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर अपनी वार्षिक वन्यजीव गणना शुरू की।
24 घंटे की जनगणना वाटर होल विधि का उपयोग करके की जा रही है, जिसके लिए किसी को वाटर होल के पास एक मचान पर बैठना होगा और क्षेत्र में पानी पीने के लिए आने वाले जानवरों पर ध्यान देना होगा। अधिकारियों के अनुसार, वॉटर होल विधि मौजूद जानवरों की संख्या पर सटीक आंकड़े प्रदान करती है, क्योंकि लगभग सभी वन्यजीव गर्मी की वजह से वॉटर होल में आते हैं।