वैष्णो माता मंदिर के स्थापना दिवस पर टेल्को महिला कीर्तन मंडली ने वृद्धाश्रम में दी सेवा

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 वृद्धावस्था उपेक्षित अवस्था ना बनें, संकल्प ले समाज : कुणाल षाड़ंगी

जमशेदपुर :- श्रीराम मंदिर (टेल्को) में अधिष्ठापित माँ वैष्णो देवी मंदिर की स्थापना के 20 वर्ष पूर्ण होने के सापेक्ष्य में बुधवार को स्थापना दिवस मनाया गया। श्रीराम मंदिर महिला कीर्तन मंडली ने सुबह कीर्तन और भजन के बाद महाआरती का आयोजन किया। इस दौरान माँ वैष्णो देवी की विधिवत आराधना की गई। प्रतिवर्ष स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित होने वाले जागरण कार्यक्रम को कोविड प्रोटोकॉल के कारण स्थगित करते हुए महिला कीर्तन मंडली के सदस्यों ने इस वर्ष वृद्धाश्रम में निराश्रित वृद्धों के मध्य सेवा दिया। बुधवार दोपहर में श्रीराम मंदिर महिला कीर्तन मंडली (टेल्को) की लक्ष्मी सिंह के संयोजन में मंडली की सदस्यों ने बाराद्वारी स्थित वृद्धाश्रम में भोजन, फ़ल एवं खाद्य सामग्रियों का वितरण किया। इस आत्मीय कार्यक्रम में पूर्व विधायक सह प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहें। सम्मानित अतिथि के रूप में कांग्रेस नेता रजनीश सिंह, भाजपा ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र प्रसाद, भाजपा नेता अंकित आनंद मौजूद रहें। मुख्यातिथियों संग कीर्तन मंडली से जुड़ी महिलाओं ने बुजुर्गों को आत्मीयता से भोजन कराया और उनका सत्कार किया। कार्यक्रम को संबोधित करने के क्रम में पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने वृद्धाश्रम को सामाजिक असंतुलन का प्रतिफल बताया। उन्होंने लोगों को अविद्या और अहंकार से बचने की सलाह देते हुए कहा कि माँ-पिता की सेवा ही परम धर्म है। वृद्धावस्था उपेक्षित अवस्था ना बनें यह संकल्प लेने की अनिवार्यता है। श्री षाड़ंगी ने कहा कि एक मां-बाप अपने बच्चों का पहला कदम उठाने में हाथ की अंगुली थामकर उनकी मदद कर सकते हैं, तो बच्चों का भी यह फर्ज बनता है कि माता-पिता के आखिरी समय में उन्हें सहारा दें। कहा कि दुखःद यह है कि संयुक्त परिवार से एकाकी परिवार की ओर बढ़ते युग में हमने बुजुर्गों का ध्यान रखना बंद कर दिया है। दादी-नानी की कहानियां विलुप्त हो गई हैं। दादाजी या नानाजी के कंधे पर बैठकर मेला और बाज़ार घूमने जाते बच्चे अब बेहद कम नजर आते हैं। कार्यक्रम के दौरान मुख्यातिथियों को अंग वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन लक्ष्मी सिंह ने किया। इस दौरान विशेष रूप से महिला कीर्तन मंडली की रानी यादव, आशा तिवारी, रीना देवी, माला देवी, रिंकू देवी, सीमा, रूबी देवी सहित अन्य सदस्यों का सक्रिय योगदान रहा।

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