धरा का धरा रह गया उच्चाधिकारियों का आदेश,  ग्रामीण कार्य विभाग के संवेदक नें करहा पाटकर बना दिया सड़क , दावथ प्रखंड के डेढ़गाँव-तिलकपुरा पथ का मामला , अँचलाधिकारी, दावथ द्वारा भेजे रिपोर्ट में 13 से 17 फुट का करहा दिखाया गया लेकिन मौके पर केवल 5 से 6 फुट का बचा है करहा

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दावथ /रोहतास (चारो धाम मिश्रा ):– एक तरफ सरकार ‘हर खेत तक सिंचाई का पानीं’ जैसी महत्वकांक्षी योजना को लेकर कटिबद्ध है दुसरी तरफ करहा को पाटकर सड़क बना दिया गया। वैसा करहा जिससे नीचे के दर्जनों गाँवों को सिंचाई का पानीं पहुँचता है। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत डेढ़गाँव से तिलकपुरा ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा सड़क निर्माण किया जा रहा था। जिसको लेकर हथडीहाँ गाँव निवासी सह उच्च न्यायालय अधिवक्ता सौरभ तिवारी व अन्य किसानों नें तत्कालीन जिलाधिकारी को अवगत कराते हुए मामले में परिवाद भी दायर कर दिया था। पीजीआरओ रोहतास अनिल कुमार पांडेय नें भी गत वर्ष दिसंबर माह में पारित अपनें आदेश में यह स्पष्ट किया था कि उक्त सड़क के निर्माण से करहा कि चौड़ाई घट जाएगी। पीजीआरओ नें अपनें आदेश में यह भी लिखा था कि सिंचाई विभाग से बगैर अनापत्ति प्रमाण लिए सड़क निर्माण नहीं हो सकता।


गौरतलब है कि सौरभ तिवारी व अन्य किसानों के आवेदन पश्चात मुख्यमंत्री बिहार के निर्देशानुसार जिलाधिकारी रोहतास व प्रधान सचिव , जल संसाधन विभाग नें इस वर्ष जनवरी में उक्त करहे का पुनर्स्थापन/पुनः निर्माण का आदेश जारी किया था।
अधिवक्ता सौरभ तिवारी के अनुसार गत 18 फरवरी को उक्त मामले में कमीश्नर पटना प्रमंडल के समक्ष सुनवाई थी जिसमें अँचलाधिकारी, दावथ नें यह बताया कि मौके पर करहा अभी भी 13 से 17 फुट चौड़ी है लेकिन जब मैं ग्रामीणों के साथ उक्त जगह पर 20 फरवरी को पहुँचा तो पाया कि 300 मीटर लंबाई तक करहे कि चौड़ाई मात्र 5 से 6 फिट बची है। अधिवक्ता सौरभ तिवारी नें बताया कि अँचलाधिकारी, दावथ नें अपनीं रिपोर्ट से उच्चाधिकारियों को गुमराह किया है। जब सड़क के पूर्वी हिस्से में पर्याप्त सरकारी जमीन उपलब्ध है तो पश्चिमी भाग के करहा को पाटकर सड़क निर्माण जानबूझकर कि गयी कार्रवाई है।
अधिवक्ता नें बताया कि आयुक्त पटना प्रमंडल नें भी उक्त करहे के पुनर्स्थापन का मौखिक आदेश गत 18 फरवरी को विडियोकान्फ्रेंसिंग के दौरान दिया।
स्थानीय किसान अभिषेक कुमार तिवारी व कमलेश यादव व वशिष्ठ तिवारी नें बताया कि नीचे के दर्जनों गाँव के किसानों के लिए सिंचाई हेतू बेहद संकट कि स्थिति उत्पन्न हो गयी है। जबकि सड़क निर्माण के लिए करहा के पूर्व दिशा में सरकारी जमीन उपलब्ध है।
जल संसाधन विभाग नें भी उक्त मामले में अँचलाधिकारी , दावथ के यहाँ अतिक्रमण वाद दायर किया था। बावजूद इसके सड़क बना दी गयी।
अधिवक्ता सौरभ तिवारी नें पुरे मामले कि उच्च स्तरीय जाँच कि माँग आयुक्त पटना प्रमंडल व जिलाधिकारी रोहतास से किया है।
वह उक्त करहा के अविलंब पुनर्स्थापन कि माँग कि है।

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