रोहतास किला में 15 रोहतासगढ़ तीर्थ मेला का आयोजन किया गया,कई आदिवासी नृत्य गानों के साथ कार्यक्रम हुए आरंभ

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तिलौथू /रोहतास (केवल कुमार):-रोहतास जिले के ऐतिहासिक रोहतासगढ़ किला परिसर में 15वां रोहतासगढ़ महोत्सव पूरे धूमधाम के साथ मनाया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम में बिहार, झारखंड, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आसाम, मेघालय सहित देश भर से आदिवासी वनवासी पहुंचे थे। वे अपने पूर्वजों की धरती को नमन करने के लिए कैमूर पहाड़ी के पथरीले रास्ते से चलकर रोहतासगढ़ किला परिसर में पहुंच कर करम के पेड़ की पूजा धूमधाम से की। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम तथा स्थानीय रोहतासगढ़ महोत्सव समिति के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम पिछले 15 वर्ष से रोहतासगढ़ महोत्सव मनाया जा रहा है। बताया जाता है कि कि देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में जनजाति आदिवासी पहुंचे थे। मानर के थाप से रोहतास के कैमूर पहाड़ी गूंज उठा। कार्यक्रम की शुरुआत करम के पेड़ की पूजा से की गई। बैगा पवन महतो द्वारा देव पूजन पर आदिवासी गीत प्रस्तुत की गई।आदिवासी लोगों को मुख्य संस्कृति से जोड़ने का किया आह्वान रोहतासगढ़ महोत्सव के माध्यम से उपस्थित अतिथियों ने आदिवासी लोगों को मुख्य संस्कृति से जोड़ने का आह्वान किया। बीते कुछ वर्षो में इस आयोजन में कई केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व राज्यपाल एवं राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद भी शामिल हो चुके हैं। पूरे देश भर में रोहतासगढ़ महोत्सव की चर्चा हो रही है। लोगों को यहां अब विकास की आस दिख रही है। लेकिन पक्की सड़क, बिजली, पानी के अभाव में रोहतासगढ़ महोत्सव की रंग थोड़ा सा फीका दिखा। उक्त कार्यक्रम में स्थानीय सांसद छेदी पासवान कार्यक्रम में शिरकत की साथ ही आस-पड़ोस के पंचायत के जनप्रतिनिधि वाह कैमूर पहाड़ी में रह रहे आदिवासी जाति के लोग काफी मात्रा में दिखे

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