उपायुक्त श्री अरवा राजकमल की अध्यक्षता में डायन कुप्रथा के उन्मूलन से सम्बंधित रथ को हरी झंडी दिखा कर किया गया रवाना

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जमशेदपुर (संवाददाता ):- दिनांक 27-10-2021 को उपायुक्त श्री अरवा राजकमल की अध्यक्षता में डायन कुप्रथा के उन्मूलन से सम्बंधित रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिलावासियों को जागरूक करने के उद्देश्य से डायन कुप्रथा के उन्मूलन हेतु प्रत्येक स्तर पर प्रयास किये जाने चाहिए।उन्होंने कहा कि डायन कुप्रथा हमारे समाज के लिए सबसे बड़ा अभिषाप है। इस कुप्रथा को दूर करने के लिए सरकार व जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है और हर संभव प्रयास कर रही है। इसी उद्देश्य से जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, ताकि शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार समाज में फैले अंधविश्वास को दूर किया जा सके। आगे उन्होंने कहा कि  महिलाओं को सशक्त व स्वाबलंबी बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इसमें सखी मण्डल की दीदियों का भी पूर्ण सहयोग लिया जाय जिनके द्वारा अपने क्षेत्र के लोगों को जागरूक किया जाएगा।उन्होंने कहा कि इस विकृत सोच को समाज से खत्म करने और लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से यह वाहन रवाना किया गया है साथ हि उन्होने यह बताया कि आज के इस आधुनिक युग मे समाज मे कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा महिलाओ को डायन बता कर अफवाह फैलाते है जिससे समाज मे ऐसी माता बहनो को विशेष कर जो अकेली रहती हो या वृद्ध हो उन्हें अपने हि लोगो द्वारा प्रताड़ित किया जाता है। वैसी महिलाओ के सुरक्षा हेतु राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की धारा लागू की गयी है जिसके अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति इस तरह की गतिविधि करते है तो उन्हें सजा के साथ साथ जुर्माना भी देना होगा। जिसके वृहद प्रचार प्रसार हेतु सरायकेला अनुमंडल एवं चंडिल अनुमंडल के लिए प्रचार प्रसार वाहन रवाना किया गया जिससे प्रति प्रखंड मे 3-3 दिन दौरा कर सभी पंचायत मे प्रचार प्रसार किया जायेगा । इस दौरान उपायुक्त महोदय ने जिले के सभी माताओ बहनो से अपील करते हुए कहा कि डायन प्रथा जैसे मानसिक कुरीतियों को समाज से पूर्ण रूप से खत्म करने में अपना हर संभव योगदान सुनिश्चित करें आप अपने आस पास की वैसी महिला जो अकेली है उन्हें सहयोग दे ताकि उन्हें इस प्रकार की कुरीतिओं का सामना ना करना पड़े ।इसके अलावा उपायुक्त महोदय द्वारा यह भी जानकारी दी गयी कि किसी महिला को डायन कहना या उसके डायन की अफवाह फैलाना या उसे डायन कहने के लिए किसी व्यक्ति को उकसाना अथवा किसी महिला को डायन घोषित कर उसे शारीरिक या मानसिक कष्ट देना कानूनन जुर्म है। डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 1999 के अनुसार धारा 3 के तहत डायन का पहचान करने वाले या कहने वालो को-3 महीने की सजा या रु1000/-जुर्माना अथवा दोनों है। धारा 4 डायन बता कर किसी को प्रताड़ित कराना-6 महीना की सजा या रु 2000/-जुर्माना अथवा दोनों है। धारा 5 डायन चिन्हित करने में जो व्यक्ति उकसायेगा-3 महीने की सजा या रु 1000/- जुर्माना अथवा दोनों है। धारा 6 भूत-प्रेत झाड़ने की क्रिया-1 साल की सजा या रु 2000/- जुर्माना या दोनों का प्रावधान है एवं इस अधिनियम की सभी धाराएँ संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आते हैं एवं अजमानतीय है।

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