

नावानगर (बक्सर):- कंजियां की ठाकुर जी के मंदिर का वार्षिक उत्सव पूजन कार्तिक पूर्णिमा को यानी आज सम्पन्न हुआ।। वहीं मंदिर प्रबंधन द्वारा लक्ष्मी-नारायण साप्ताहिक यज्ञ का भी आयोजन भी किया गया था। पिछले आठ दशकों से कंजिया ठाकुर जी मंदिर का वार्षिक उत्सव पूर्णीमा के दिन मनाया जाता है।
समय के साथ ठाकुर जी का प्रभाव बना पिछले डेढ़ दशकों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन काफी भीड़ होती है। कोरानसराय से वाहनों का परिचालन बंद हो जाता है। मंदिर प्रबंधन के अनुसार इसबार और भव्य तरीके से मनाया गया।लोगो का ऐसा विश्वास है की यदि कोई भी व्यक्ति वहाँ जाकर भगवान लक्ष्मी नारायण के दर्शन पूजन करता है तो
अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।
मंदिर परिसर में एक ऐसा चमत्कारी वृक्ष है। जिसके नीचे बैठने से सांप का जहर भी उतर जाता है। किसी भी विषैले जीव ने काटा तो लोग वहां पहुंच जाते हैं। ऐसा नहीं उस मरीज का उपचार नहीं होता। लेकिन ऐसी मान्यता है। वहां चले जाने मात्र से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। यह किवंदती धीरे-धीरे सच साबित हो रही है। नतीजा यहां प्रतिदिन सैकड़ों किसी-किसी दिन हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।
पहले यहां छोटा से मंदिर था। जहां शिवशंकर उपाध्याय नाम के तपस्वी साधु रहते थे। जिन्हें संत महात्मा चौतन्य जी महाराज अथवा ग्रामीण लोग ठाकुर जी के नाम से जानते थे। हाल के ही वर्षाे में परमपद को प्राप्त हो गए। उनके द्वारा यहां वर्ष 2010 में नया मंदिर बनवाया गया। संभवतः यह बिहार से सबसे ऊंचे मंदिरों में एक है। यह मंदिर अब लोगों की आस्था का केन्द्र बन गया है।


Reporter @ News Bharat 20