बिक्रमगंज (रोहतास):- विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना को लेकर उनकी प्रतिमा का निर्माण कार्य अभी से ही प्रारंभ हो गई है । प्रखंड मुख्यालय में कारीगर प्रतिमा निर्माण में जुट गए हैं । ग्रामीण इलाकों में भी प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है । इनकी पूजा अर्चना सभी शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ अन्य जगहों पर भी धूमधाम से किया जाता है । ऐसी मान्यता है कि इनके आराधना मात्र से ही विद्या की प्राप्ति हो जाती है । विद्या के प्राप्ति अन्य सभी मार्गों का द्वार खोल देता है । इसे लेकर विद्यार्थियों में काफी उत्सुकता देखा जा रहा है । बेहतर मूर्ति निर्माण को लेकर लोग कारीगरों के पास पहुंच रहे हैं । इसे लेकर उन्हें एडवांस पैसे भी दिए जा रहे हैं । मूर्तिकारों को अपने अनुरूप बेहतर मूर्ति बनाने की सलाह भी दे रहे हैं । मूर्तिकार ललन प्रजापति बताते हैं कि इसे लेकर कई लोगों का आर्डर आ चुका है । लगभग पन्द्रह सौ रूपए से लेकर पांच हजार रूपए तक की मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है । हालाकि शैक्षणिक संस्थानों में छोटी मूर्तियां ही ज्यादा पसंद की जाती है । ग्रामीण इलाकों में युवाओं कमेटी गठित कर माता सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करते हैं । इनकी पसंद बड़ी मूर्ति होती है । प्रखंड मुख्यालय में मूर्ति निर्माण से जुड़े कारीगर मुंशी प्रजापति बताते हैं कि पहले इस धंधे में काफी आमदनी होती थी । लेकिन अब गांवों में भी कई कारीगर मूर्ति बनाने का कार्य कर रहे हैं । जिसके कारण ग्रामीण इलाके के लोग यहां आने के बजाय गांवों से ही मूर्ति खरीद लेते हैं जिसके कारण व्यवसाय प्रभावित हुआ है । बताते चलें कि सरस्वती की विधिवत पूजा अर्चना अब काफी अधिक होने लगी है । जिसे लेकर मूर्तियों की मांग भी बढ़ गई है । पहले जहां माता के फोटो से भी पूजा अर्चना की रीत पूरी हो जाती थी । वहीं अब प्रतिमा स्थापित करने की होड़ सी मच गई है । एक गांव में कई स्थानों पर माता की प्रतिमा स्थापित की जाती है ।