शकुंतला हिंदी साहित्य एवं सांस्कृतिक दर्पण की ओर से काव्य गोष्ठी आयोजित

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जमशेदपुर:- शकुंतला हिंदी साहित्य एवं सांस्कृतिक दर्पण के तत्वाधान में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मानगो डिमना रोड संकोसई रोड नंबर 1 स्थित सिंह बिल्ला परिसर में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व संस्था की संस्थापक अध्यक्ष अंकिता सिन्हा ने किया। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता श्यामल सुमन और अजीज गौहर ने किया, जबकि संचालन नवीन अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शिक्षाविद एच पी शुक्ला और विशिष्ट अतिथि के रूप में समाज संस्था के सचिव अनंत सिंह, समाजसेवी प्रितपाल सिंह बिजी उपस्थित थे।
इस अवसर पर युवा कवयित्री अंकिता सिन्हा ने मां के ऊपर दिल को छू जाने वाली अपनी रचना की प्रस्तुति की … लोरियाँ सुन सुन के सपनो में बसेरा हो गया। माँ का मुख देखा तो बस मेरा सवेरा हो गया।। उसके ही दम से हैं हर इक सांस खुशियों से भरी। माँ रूठें गर तो मानो जीवन मे अंधेरा हो गया।। नभ पर माँ तेरे पद चिन्ह बनाऊंगी। उनमुक्त भाव से माँ विचरण तुझे कराऊंगी।। कलम क्षमता अनवरत सागर मे डुबती रहे। शैलों के शीने से काव्य गंगा बहाऊंगी।
इस अवसर पर साहित्यकारों ने एक से बढ़कर एक अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी जिसे उपस्थित लोगों ने खूब सराहना की। कविता पाठ करने वालों में
अजय मुस्कान, डा. संध्या सिन्हा ‘सूफी, सूरज सिंह राजपूत, साबिर नवादवी, संतोष चौबे, डा.लक्ष्मण प्रसाद, श्यामल सुमन, शोभा रानी शर्मा, शशि ओझा, कुमार बंसत, असर भागलपुरी, गौहर अजीज, डाँ लता प्रियदर्शिनी शामिल थे। इस अवसर पर कवि और क्वयित्रियो को मोमेंटो और कलम देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विरासत उद्योग के प्रबंधक प्रेम सिंह रंजन सिंह सुजीत सिंह खुशी आदि का सहयोग रहा।

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