हम देसी है तो हमारे कुत्ते विदेशी क्यों? द स्ट्रीट आर्मी संस्था ने कैंप लगा कर देसी कुत्ते बच्चो को सफलता पूर्वक घर दिलाने का सफल प्रयास किया.

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जमशेदपुर : द स्ट्रीट आर्मी संस्था के माध्यम से बिस्टूपुर स्थित जी-टाउन ग्राउंड के पास में एक छोटा सा एडॉप्शन कैंप लगाया गया. इस कैंप में आवारा देसी कुत्ते के 13 बच्चो को सफलता पूर्वक घर दिलाने का सफल प्रयास किया गया।

द स्ट्रीट आर्मी संस्था को शहर के कुछ युवा वर्गो के साथियों ने मिलकर डिजिटल पेज के जरिये लोगो में पशु प्रेम के प्रति लोगों को देसी तथा आवर जानवरों को सहारा दिलाने का काम करते है ताकि इनके लोगो में जागरूकता आ सके

ये संस्था पिछले दो वर्ष से करीब 100 से भी ज्यादा कुत्तों को रोज भोजन खिलाना तथा इलाज की भी व्यवस्था किया है.

वही संस्था के पियुष कुमार ने बताया की देसी कुत्तों का महत्व विदेशी कुत्तों से कहीं ज्यादा है। विदेशी कुत्तों की तुलना में हमारे देसी कुत्ते काफी समझदार, लो मेंटेनेंस और अनुशासित होते हैं। आजकल कई बड़े मूवी में भी देसी कुत्तों को प्राथमिकता दी जा रही है। पर आज भी कुछ लोग इन्हें नुकसान पहुंचाने से बाज नहीं आते जोकि समाज के लिए घातक है.

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