घाघीडीह जेल में कैदी मनोज सिंह की हत्या में डॉक्टर की हुई गवाही

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घीघीडीह सेंट्रल जेल में 26 जून 2019 को हुई थी घटना, टेलीफोन छिनने को लेकर उठा था विवाद.

जमशेदपुर (संवाददाता ):- घाघीडीह जेल में 26 जून 2019 को दो गुटों के बीच हुई मारपीट के बाद कैदी मनोज कुमार सिंह की मौत के मामले में जेल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. राजीव कुमार शर्मा की बुधवार को एडीजे 4 राजेंद्र कुमार सिन्हा और टीएमएच के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के कंसल्टेंसी डॉ. अजय कुमार अग्रवाल की अदालत में गवाही हुई. दोनों डॉक्टरों ने अपनी गवाही में कोर्ट को बताया कि घटना के दिन 26 जून को मनोज सिंह और सुमित सिंह की जांच की गयी थी. सुनिल की मौत पहले ही हो चुकी थी. सुमित सिंह के शरीर पर गहरा जख्म था. सुमित को 26 जून को ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था. मामले में इसके पहले एमजीएम एफएमटी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. उमाशंकर प्रसाद, मजिस्ट्रेट फुलेश्वर मुर्मू और डॉ. अभिजीत गुहा की गवाही पहले ही हो चुकी है. मंगलवार को पूर्व जेलर बालेश्वर प्रसाद सिंह, देवाशीष चक्रवर्ती, संदीप तिवारी और कारापाल अंजय कुमार श्रीवास्तव की गवाही हुयी थी.
2 जुलाई को आइओ अनिमेष गुप्ता की होगी गवाही
टेल्को रामाधीन बागान के रहने वाले मनोज सिंह की हत्या के मामले में 2 जुलाई को आइओ सह तत्कालीन थाना प्रभारी अनिमेष कुमार गुप्ता की गवाही होगी. अनिमेष गुप्ता वर्तमान में जमशेदपुर में ही सीसीआर डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं.
इन्हें बनाया गया था आरोपी
पूरे मामले में कुल 22 कैदियों को आरोपी बनाया गया था. इसमें सोनू लाल, शरद गोप, शिवशंकर, ऋषि लोहार, सुमित सिंह, राम राय, सुनिल दास, अमित दास, अरूण कुमार घोष, अजय मल्ला, संजय दिग्गी, पिंकू पूर्ति, सौरव आदि को आरोपी बनाया गया था.
यह था मामला
घटना के दिन शाम को घाघीडीह सेंट्रल जेल में दो गुटों के बीच हुई भिड़ंत हो गयी थी. दोनों गुटों के कैदी लाठी और डंडा लेकर एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे. लिपिक की ओर से मोबाइल पर जेल अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी को सूचना दी गयी थी. आवाज आ रही थी कि हरीश सिंह ने जेल का माहौल बिगाड़ दिया है. इसको जान से मार देंगे. हरीश को बचाकर ऑफिस में लाकर बैठया गया था. इस बीच हरीश गुट का मनोज सिंह, रिषि लोहार व अन्य ने पंकज दुबे पर हमला बोल दिया था. पूरा विवाद हरीश के कारण उत्पन्न हुआ था. तब उसने एसटीडी बूथ पर जाकर टेलीफोन छीन लिया था. इसका विरोध अमन मिश्रा ने किया था. घटना के बाद मनोज सिंह और सुमित सिंह को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल लाया गया था. एमबुलेंस चालक ने सूचना दी थी कि मनोज की मौत हो गयी है. घटना के संबंध में 17 सजायाफ्ता और बिचाराधीन कैदियों के खिलाफ परसुडीह थाना में मामला दर्ज कराया गया था.

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