श्रीनाथ विश्वविद्यालय में साइबर सिक्युरिटी पर कार्यशाला का आयोजन, साइबर डीएसपी जयश्री कुजुर ने बताया ठगी से बचने के उपाय …

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आदित्यपुर :-  आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ विश्वविद्यालय में साइबर सिक्योरिटी पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आरंभ मुख्य अतिथि साइबर डीएसपी से सुश्री जयश्री कुजूर तथा गुजरात से आए मुख्य वक्ता हर्ष रावल , पूर्वांग देसाई , जय ए रावल तथा श्रीनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गोविंद महतो के हाथों दीप प्रज्वलित कर हुआ। स्वागत भाषण कुलपति डा. गोविंद महतो ने दिया ।

डीएसपी सुश्री जयश्री कुजूर ने साइबर क्राइम पर चर्चा करते हुए कहा कि साइबर सिक्योरिटी का सबसे पहले अर्थ समझना जरूरी है कि साइबर सिक्योरिटी क्या है अपने डाटा को चोरों और ठगों से बचा के रखना ही साइबर सिक्योरिटी हैं । क्योंकि आज के समय में हमारी कई चीजें डेटा के रूप में होती है इसलिए ऐसे संवेदनशील डाटा को बचा कर रखना आवश्यक होता है । साइबर सिक्योरिटी की आवश्यकता इसलिए हमारे लिए बढ़ जाती है । उन्होंने फिशिंग का अर्थ समझाया साथ वह विशिंग वॉइस कॉल के बारे में भी बताई की कैसे वाइस कॉल के द्वारा आपसे आपका पिन ओटिपी ठग पूछते हैं और आप ठगी के शिकार हो जाते हैं ।उन्होंने आगे कहा कि हमें प्रत्येक चीज के लिए इंटरनेट सर्च इंजन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए । आज आप कोई ऐसा सर्च इंजन सर्च न करें जिससे कि आप की गुप्त चीजें दूसरों तक पहुंच जाए। मुख्य अतिथि जयश्री कुजूर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वस्तुतः कोई हैकर्स आपसे ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है परंतु हम थोड़े से लालच में आकर कभी-कभी इन ठगों के शिकार बन जाते हैं। आगे उन्होंने कहा कि हम सब फेसबुक, इंस्टाग्राम का इस्तेमाल जरूर करते हैं पर हम में से ऐसे कई लोग हैं जो फेसबुक से लॉगआउट होना आवश्यक नहीं समझते हैं और इस तरह की गतिविधि से आप अपने कुछ निजी बातों को लोगों के सामने खुला छोड़ देते हैं और यह आपके लिए खतरनाक सिद्ध हो सकता है। आप अपनी सभी गतिविधि को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ना डालें क्योंकि इससे ठगों को आप की प्रत्येक गतिविधि की जानकारी हो जाती है । साथ ही आपको कभी भी किसी अनजान व्यक्ति के वीडियो कॉल को रिसीव नहीं करना चाहिए क्योंकि उसके माध्यम से आपको वह व्यक्ति ब्लैकमेल भी कर सकता है । हैकर्स आपके माइंड से खेलता है । आप सोशल मीडिया पर जरूर एक्टिव रहे परंतु आपका सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है जिससे आप ठगों के शिकार होने से खुद को बचा सकेंगे। आप अपने लिए कम से कम दो फोन नंबर रखे और दो मेल आईडी रखें क्योंकि आप जिस मेल आईडी और जिस फोन नंबर को अपने बैंक अकाउंट से कनेक्ट कर रखे हैं वह नंबर और वह मेल आईडी आप हर किसी को ना दे तो आप काफी हद तक अपने आप को सुरक्षित कर लेंगे । साइबर सिक्योरिटी कार्यशाला में गुजरात के गांधीनगर से श्री हर्ष ए रावल, श्री जय रावल तथा पूर्वांग देसाई साइबर दोजो कंपनी से जुड़े थे।

श्री हर्ष ए रावल जो ज्वाइंट रीजनल डायरेक्टर हैं डोजो कम्पनी गुजरात के, वह कार्यशाला के मुख्य वक्ता थे उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित लोगों को साथ लेकर ऑनलाइन कई गतिविधियों को संपन्न किया जिससे उपस्थित स्टूडेंट्स साइबर सिक्योरिटी से जुड़े कई अहम बातों को समझ सकें । श्री हर्ष ए. रावल ने कहा कि आज साइबर सिक्योरिटी में कैरियर की बहुत अधिक संभावना है आज जितनी भी बड़ी कंपनियां है उनके यहां साइबर सिक्योरिटी में जॉब के कई अवसर हैं , यह एक डायनेमिक क्षेत्र है। जिसमें आप रोज कुछ नया सीखेंगे हैं। आपका काम कभी भी उबाऊ नहीं होगा । इस काम से आपको एक खुशी मिलेगी कि आपने किसी के पैसे बचाएं तथा किसी की मदद किया हैं। अगर आपको तकनीक से रूचि है तो आपके लिए यह बहुत उपयुक्त क्षेत्र है। उन्होंने क्लाउड डेटा, साइबर अटैक , फिशिंग अटैक, विषिंग अटैक, वायरस, मालवेयर अटैक, ,पासवर्ड अटैक तथा रैनसम वेयर आदि के बारे वृहत चर्चा किया ।

इस कार्यशाला से लगभग 50 लोग ऑनलाइन गूगल मीट के द्वारा जुड़े थे जिसमे गुजरात के मेहसाना से संकल चंद पटेल विश्वविद्यालय से विभागाध्यक्ष डॉ. अंकित ए . शाह जुड़े थे , उन्होंने भी साइबर सिक्योरिटी के बारे चर्चा किया । इस कार्यशाला पर बात करते हुए श्रीनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गोविंद महतो ने कहा कि वर्तमान समय में लोगों को विशेषकर युवाओं को साइबर सिक्योरिटी के बारे जानकारी रखना आवश्यक है तभी वह अपने संवेदनशील डाटा तथा पैसों को हैकर्स से बचा सकते हैं। कार्यशाला के मुख्य समन्वयक सहायक प्राध्यापक श्री संतोष कुमार ने कहा कि साइबर सिक्योरिटी में आज युवाओं का भविष्य बहुत सुनहरा है। यदि वे चाहे तो आज साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में एक अच्छे पद तक पहुंच सकते है और अच्छा वेतन पा सकते हैं ।

साइबर सिक्योरिटी कार्यशाला का संचालन सहायक प्राध्यापक सुश्री शालिनी चक्रवर्ती ने तथा धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापक श्री संतोष कुमार ने किया।

इस कार्यशाला में लगभग 275 से अधिक लोगों ने अपना पंजीकरण करवाया था तथा इस कार्यशाला में श्रीनाथ विश्वविद्यालय तथा श्रीनाथ कॉलेज ऑफ एजुकेशन के सभी सहायक प्राध्यापक तथा विद्यार्थी सम्मिलित हुए ।

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