सीएम रहते रघुवर हार गए थे चुनाव, क्या उनकी बहू को लोग हाथों-हाथ लेंगे

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जमशेदपुर । ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास 2014 से लेकर 2019 तक में झारखंड में सीएम थे. विधानसभा चुनाव में वे अपने विधानसभा से भी हार गए थे. हार का मुंह उन्हें कोई और नहीं बल्कि भाजपा के ही निर्दलीय नेता सरयू राय ने दिखाया था. तब इसका कोई आकलन भी नहीं किया था. अब तो रघुवर खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन अपनी बहू पूर्णिमा दास को जरूर टिकट दिलवाया है और वह मैदान में हैं. अब चर्चा यह हो रही है कि क्या उनकी बहू को विस क्षेत्र के लोग हाथों-हाथ लेंगे. क्या वे अपनी विरासत को बचा सकेंगे.

रघुवर दास की बहू की लुटिया डूबोने के लिए भाजपा के ही कई निर्दलीय चुनावी मैदान में खड़े हो गए हैं. इसमें मुख्य रूप से भाजपा नेता राजकुमार सिंह और शिवशंकर सिंह भी शामिल हैं. दोनों नेताओं की अच्छी पकड़ है. पार्टी इन दोनों को भी टिकट दे सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

इसी विधानसभा सीट से डॉ अजय कुमार भी चुनाव लड़ चुके हैं. इसके पहले वे जमशेदपुर सांसद भी रह चुके हैं. इस बार उन्हें कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने का मौका मिला है. डॉ अजय अपनी पुरानी पहचान को एक बार फिर से भुनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसका लाभ उन्हें कितना मिलता है चुनाव के बाद परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा.

झारखंड का सीएम रहते हुए खुद का चुनाव हार जाने के बाद ही रघुवर दास चर्चा में हैं. खुद भाजपा का एक खेमा उन्हें नहीं पचा पा रहा है. अंत में उन्हें ओडिशा का सीएम बना दिया गया. बावजूद उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी से अपनी बहू के लिए टिकट सुरक्षित कर लिया.

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