

न्यूजभारत20 डेस्क:- कर्नाटक के मैसूरु से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने न केवल पुलिस की जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि न्याय व्यवस्था को भी झकझोर कर रख दिया है। यहां एक व्यक्ति को अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में सजा भुगतनी पड़ी, जबकि वही ‘मृत’ पत्नी दूसरे पति के साथ जीवित अवस्था में मिली है। इस चौंकाने वाली गलती को लेकर अदालत ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। मैसूरु जिले में एक व्यक्ति पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप लगा था। पुलिस की जांच और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने उसे दोषी मानते हुए सज़ा सुना दी थी। लेकिन हाल ही में वही महिला एक अन्य व्यक्ति के साथ जीवित पाई गई, जिससे पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है।

इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाए। कोर्ट ने इसे “गंभीर चूक और लापरवाही” करार देते हुए पुलिस अधीक्षक (SP) को निर्देश दिया है कि वे इस पूरे प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट 17 अप्रैल से पहले अदालत में प्रस्तुत करें। इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है। बिना डीएनए टेस्ट या पुख्ता पहचान के आधार पर किसी को दोषी करार देना और जेल भेजना न्यायिक प्रक्रिया की गंभीर अनदेखी मानी जा रही है। दोषी करार दिए गए व्यक्ति के वकील ने कहा, “यह हमारे मुवक्किल के साथ न्याय का मज़ाक है। हमने पहले भी जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे, लेकिन उन्हें अनदेखा किया गया।
अब जब महिला जीवित मिली है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।” इस घटना ने समाज में भी आक्रोश और हैरानी का माहौल पैदा कर दिया है। लोगों का कहना है कि अगर इतनी बड़ी चूक हो सकती है, तो ऐसे कई मामले होंगे जिनमें निर्दोष लोग जेलों में बंद होंगे।यह मामला पुलिस जांच प्रणाली की गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है। जहां एक तरफ एक निर्दोष व्यक्ति को जेल में सालों बिताने पड़े, वहीं दूसरी ओर असली सच्चाई को दबा दिया गया। अब देखने वाली बात यह होगी कि अदालत इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।