

न्यूजभारत20 डेस्क:- उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक दर्दनाक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला की मौत को लेकर न्याय की उम्मीद में उसकी बहन ने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। कोर्ट के आदेश के बाद मृतका नाजिया की लाश को दफनाने के करीब साढ़े चार महीने बाद कब्र से बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम किया गया। कोर्ट के निर्देशानुसार, नाजिया की लाश को 30 घंटे के लिए कब्र से बाहर रखा गया, ताकि उचित चिकित्सीय जांच हो सके। पोस्टमार्टम टीम ने जांच पूरी कर शव को पुनः सुपुर्द-ए-खाक किया। यह कार्रवाई मऊ पुलिस प्रशासन और मेडिकल टीम की निगरानी में की गई। मृतका की बहन ने आरोप लगाया है कि नाजिया की मौत स्वाभाविक नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या थी। उसने कहा कि एक दिन नाजिया ने अपने पति अयूब को उसकी (नाजिया की) बहन के साथ जबरदस्ती करते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया था। इस पर नाजिया ने आपत्ति जताई, जिसके बाद अयूब और उसकी मां ने उसे ज़मीन पर पटक दिया। इस हमले में नाजिया की मौके पर ही मौत हो गई।

नाजिया की बहन का कहना है कि ससुराल वालों ने मामले को दबाने की कोशिश की और इसे एक सामान्य मौत की तरह पेश कर जल्द ही शव को दफना दिया गया। लेकिन उसे इस पर शक था और उसने कोर्ट में याचिका दायर कर न्यायिक जांच की मांग की। कोर्ट ने बहन की याचिका को गंभीरता से लेते हुए शव का पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया, जिससे यह साफ हो सके कि नाजिया की मौत किसी आंतरिक चोट, दम घुटने या अन्य कारणों से हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई तय करेगी। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे। पोस्टमार्टम के दौरान मेडिकल टीम ने सभी मानकों का पालन किया। यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि घरेलू हिंसा और पारिवारिक अपराधों को किस तरह छिपाया जा सकता है और किस हद तक पीड़ित परिवार को न्याय पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। नाजिया की बहन की हिम्मत और कोर्ट के हस्तक्षेप से अब उम्मीद की जा रही है कि सच सामने आएगा और दोषियों को सज़ा मिलेगी।