

न्यूजभारत20 डेस्क:- रामनवमी के मौके पर प्रयागराज में एक विवादास्पद घटना सामने आई है, जहाँ महाराजा सुहेलदेव संगठन से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर सालार मसूद गाजी की दरगाह की छत पर चढ़कर भगवा झंडा फहराया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। वायरल वीडियो में कुछ युवकों को दरगाह की छत पर चढ़ते और वहां भगवा झंडा लहराते हुए देखा जा सकता है। झंडा फहराने के दौरान जयकारे और नारेबाज़ी भी होती सुनाई दे रही है। यह वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर पहुंचा, राजनीतिक हलकों से लेकर आम लोगों तक में हलचल मच गई।

प्रयागराज पुलिस ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि वीडियो की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके।
पुलिस के अनुसार, घटना के पीछे शामिल लोगों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। प्रयागराज के एसएसपी ने कहा, “धार्मिक स्थलों की गरिमा से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” महाराजा सुहेलदेव संगठन के कुछ पदाधिकारियों ने इस कृत्य को “ऐतिहासिक प्रतीक की पुनःस्थापना” बताया है। उनका दावा है कि सालार मसूद गाजी आक्रमणकारी था और उस स्थान पर पूर्व में भगवा ध्वज रहा करता था। हालांकि, इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
घटना को लेकर कुछ इलाकों में तनाव की स्थिति बनी हुई है। जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात कर दिया है। सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। घटना पर सियासत भी गरमा गई है। विपक्षी दलों ने इसे सरकार की “ढीली कानून व्यवस्था” का परिणाम बताया है, वहीं सत्ताधारी दल ने इसे “व्यक्तिगत भावनाओं की अभिव्यक्ति” कहकर किनारा कर लिया है।