हिंदी सिनेमा को अपनी जिंदगी के कई दशक तक राज करने वाले अभिनेता दिलीप कुमार नहीं रहे.

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मुंबई:  हिंदी सिनेमा को अपनी जिंदगी के कई दशक देने वाले दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार नहीं रहे. 98 बरस की उम्र में उनका निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बुधवार सुबह करीब 7.30 बजे दिलीप कुमार का मुबई स्थित अस्पताल में निधन हुआ. उनका जन्म 11 दिसंबर 1922 में हुआ था. उन्हें हिंदी सिनेमा के पहले खान के नाम से भी जाना जाता है. दिलीप कुमार ने एक्टिंग की शुरुआत 1944 में फिल्म ज्वार भाटा से की थी. हिंदी सिनेमा में मेथड एक्टिंग का श्रेय दिलीप साहब को ही दिया जाता है.

दरअसल, साल 1944 में देविका रानी के कहने पर यूसुफ़ ख़ान नाम के एक शख्स ने दिलीप कुमार नाम की शख़्सियत हासिल कर ज्वारभाटा फिल्म से जो शुरुआत की, वो हिंदी सिनेमा के लहराते समंदर को बिल्कुल आज तक प्रभावित करती रही.

आज़ाद भारत की हसरतों का जो नया दौर था, उसके लिए दिलीप कुमार जैसी एक मुकम्मिल शख़्सियत चाहिए थी- जो गांव का भी हो जाता, शहर का भी- ग़रीब का बेटा भी बन जाता और शहजादा भी, राम भी बन जाता और श्याम भी और किसी दिन शहर से आई बस का मुक़ाबला अपनी बैलगाड़ी से करने उतर आता.

कहने को देवदास जैसी फिल्म ने दिलीप कुमार को ट्रैजेडी किंग का खिताब दिला दिया, लेकिन उनकी शख़्सियत और अभिनय के रंग हज़ार थे. उनकी उदासी में, उनकी मुस्कुराहट में, उनके गाने में, उनके थिरकने में एक हिंदुस्तान हंसता-गाता, थिरकता और उदास हो जाता था. पचास और साठ के दशकों में भोले-भाले गंवई राजकपूर और तेज़-तर्रार शहरी देवानंद के साथ ये दिलीप कुमार थे, जिन्होंने उस दौर की हिंदुस्तानी धड़कन को एक मुकम्मिल ज़मीन दी. इन तमाम फिल्मों की अलग-अलग भूमिकाएं अदा करते दिलीप कुमार अभिनय का स्कूल हो गए थे. उन्होंने सितारे और अभिनेता को इस खूबसूरती के साथ फेंटा कि वो हर फिल्म में किरदार में ढल जाते थे, लेकिन दिलीप कुमार भी बने रहते थे.

दिलीप कुमार के अभिनय के कई दौर रहे. अस्सी के दशक में उन्होंने चरित्र अभिनेता के तौर पर वापसी की. क्रांति, मशाल, सौदागर, विधाता जैसी फिल्मों में आए. शक्ति में अमिताभ बच्चन के पिता की यादगार भूमिका अदा की.

बॉलीवुड सितारों से लेकर राजनेता, सभी लगातार अपना दुख जता रहे हैं. दिलीप कुमार का अंतिम संस्कार बुधवार को ही मुंबई के सांताक्रूज कब्रिस्तान में किया जाएगा. दिलीप कुमार का पार्थिव शरीर इस वक्त उनके घर पर है जहां सितारे उनके अंतिम दर्शन को पहुंच रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने भी दिलीप कुमार की पत्नी और अभिनेत्री सायरा बानो से फोन पर बात की और उन्हें ढांढस बंधाया. राहुल गांधी ने लिखा- दिलीप कुमार ने भारतीय सिनेमा के लिए जो किया है, उसे आने वाली कई पीढ़ियां याद रखेंगी.

लता मंगेशकर ने दिलीप के निधन पर ट्वीट कर लिखा यूसुफ़ भाई आज अपनी छोटीसी बहन को छोड़ कर चले गए. यूसुफ़ भाई क्या गए, एक युग का अंत हो गया. मुझे कुछ सूझ नहीं रहा. मैं बहुत दुखी हूं, नि:शब्द हूं. कई बातें कई यादें हमें देकर चले गए.

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