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आदित्यपुर :- झारखंड सरकार द्वारा दो दिन पूर्व राज्य के सेवारत और रिटायर्ड कर्मचारियों को दी गई 5 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा लाभ की सौगात से कर्मचारी संघ में असंतोष है. इस योजना का अराजपत्रित कर्मचारी संघ जल्द विरोध करेंगे जिसके लिए दूसरे संगठनों से विचार विमर्श किया जा रहा है. अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (त्रिपाठी गुट) के सम्मानित अध्यक्ष विमल कुमार सिंह और प्रांतीय सचिव प्रणव शंकर ने कहा कि यह स्वास्थ्य बीमा योजना राज्य के कर्मचारियों के लिए हितकर नहीं है. उन्होंने कहा कि पहले हमें 1000 रुपये ओपीडी भत्ता के साथ इलाज पर खर्च की राशि विभाग से क्लेम के बाद मिल जा रही थी, लेकिन इस नई स्कीम में ओपीडी भत्ता को 500 रुपये कर हमें ऐसे अस्पतालों में इलाज करने की इजाजत दी गई है जो बेहतर इलाज के लिए अनुकूल नहीं हैं. कहने का मतलब हमारे ओपीडी भत्ते की राशि से ही 50 फीसदी राशि काटकर हम राज्य कर्मचारियों को बेवकूफ बनाया जा रहा है. उदाहरण स्वरूप राज्य कर्मचारियों को शहर के टीएमएच जैसे अस्पताल से वंचित रखा गया है जबकि देश के सुपर हॉस्पिटेलिटी अस्पतालों से भी वंचित रखा गया है. इससे प्रतीत होता है कि सरकार हमें स्वास्थ्य बीमा के नाम पर झुनझुना थमाने का काम कर रही है. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अभी हम लोग इस पर राज्य कर्मियों और उनके संगठनों से विचार विमर्श कर रहे हैं, जिसके बाद राज्य के सभी कर्मचारियों इस स्वास्थ्य बीमा योजना का विरोध करेंगे.
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