झारखंड। झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग का काम समाप्त होने के बाद प्रत्याशियों की धड़कनें तेज हो गई है. वे अब जोड़-घटाव करने में जुटे हुए हैं. कहां वोट मिलेगा और कहां नहीं. उनकी स्थिति प्रतिद्वंदियों के सामने कैसी रहेगी. इसी का वे आकलन कर रहे हैं. 36 घंटे के बाद ही वोटों की गिनती शुरू होने वाली है. वैसे अभी सभी प्रत्याशी यह कह रहे हैं कि उनका पलरा काफी भारी है. अब वोटों की गिनती के बाद ही पता चलेगा कि कौन प्रत्याशी कितना पानी में है.
झारखंड में मुख्यमंत्री रह चुके बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा, हेमंत सोरेन, रघुवर दास और चंपाई सोरेन की परेशानी बढ़ी हुई है. इसमें से अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा और रघुवर दास तो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. लेकिन उन्होंने अपने रिश्तेदारों को जरूर चुनावी मैदान में उतारा है.
मधु कोड़ा की बात करें तो उन्होंने अपनी पत्नी गीता कोड़ा को पश्चिमी स सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर सीट से मैदान में उतारा है. इसी तरह से रघुवर दास ने अपनी बहू पूर्णिमा दास को चुनावी अखाड़े में उतारकर जिताने की कोशिश कर चुके हैं. इधर अर्जुन मुंडा ने खुद अपनी पत्नी मीरा मुंडा को पोटका से मैदान में उतार दिया है. तीनों पूर्व मुख्यमंत्री अपनी साख बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
विधानसभा चुनाव में टिकट दिए जाने पर पोटका प्रत्याशी मीरा मुंडा और भाजपा पूर्वी प्रत्याशी पूर्णिमा दास का जोरदार विरोध भी हुआ था. पूर्वी में तो भाजपाइयों में ही टूट पड़ गई. राजकुमार सिंह से लेकर शिवशंकर सिंह तक चुनावी मैदान में खड़े हो गए हैं. अब देखना यह है कि विरोध के बाद भी वोटों की गिनती के बाद क्या परिणाम निकलता है.
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