डेस्क :- हिन्दू धर्म के मान्यता के अनुसार खरमास में शुभ काम नहीं किया जाता है । लेकिन इसके खत्म होते ही लोगों के घर में शादी की मुहूर्त देखने की शुरुआत हो गई है। कोई कैलेंडर देख रहा है तो कोई पंडित से भी शुभ मुहूर्त देखने के लिए कह रहा है। मकर संक्रांति के दिन मकर राशि का प्रवेश होता है और सूर्य उत्तरायण होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य उत्तरायण छह महीने तक रहते हैं और जब सूर्य उत्तरायण होते हैं तो देवता लोग जागते हैं. इस अवधि में लोग सभी तरह के शुभ कार्य करते हैं. जब बात शुभ कार्य की हो तो शहनाई की बात कैसे छूट सकती है. लोग मांगलिक कार्य का इंतजार करते हैं. इस वर्ष संक्रांति के दिन (15 जनवरी) से ही विवाहादि शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त मुहूर्त आरंभ हो गया है। उससे भी बड़ी बात यह कि संक्रांति के दिन, रविवार 15 जनवरी सहित) जनवरी माह के बाकी सत्रह दिनों में से तेरह दिन विवाह के शुभ मुहूर्त मिल रहे हैं, जिससे लोगों के घरों में अभी से ही शहनाइयां बजनी शुरू हो जायेंगी। हिंदू पंचांग के अनुसार जनवरी माह में 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 25, 26, 27, 30 एवं 31 तारीखों को विवाह के शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. सिर्फ 23, 24, 28 एवं 29 जनवरी को वैवाहिक कार्य नहीं हो सकेंगे.
जनवरी में 15 जनवरी से लग्न की शुरुआत तो हो रही है लेकिन 15, 16 और 17 जनवरी को अच्छा लग्न नहीं है. 15 जनवरी को स्वाति नक्षत्र तो है लेकिन मृत्युबाण लग्न है, जबकि 16 जनवरी को भी स्वाति नक्षत्र के साथ मृत्युबाण लग्न है. 17 जनवरी को अनुराधा नक्षत्र की केतु युति है. पंचांग के अनुसार इस तरह के लग्न में शादी नहीं करनी चाहिए.
इसी तरह फरवरी माह में भी विवाह के लिए 14 दिन, 01, 06, 07, 08, 09, 10, 12, 13, 14, 15, 17, 22, 23 व 28 तारीख को शुभ मुहूर्त है. मार्च महीने में पहली तारीख से लेकर 14 तारीख तक ही विवाह का शुभ मुहूर्त है. उसके बाद सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने के साथ ही मीन खरमास शुरू हो जाने के कारण शुभ कार्यों पर रोक लग जायेगी. मार्च महीने में 1, 5, 6, 7, 8, 9, 11 एवं 14, कुल 8 दिन ही विवाह का शुभ मुहूर्त बन रहा है. इसके बाद 15 मार्च से खरमास शुरू हो जायेगा और अप्रैल माह में खरमास बीतने के बाद भी विवाह योग्य कोई मुहूर्त नहीं बन रहा है. विवाहादि के लग्न की शुरुआत फिर मई महीने से होगी, जिसमें 6, 8, 9, 10, 11, 15, 16,20, 21, 22, 27, 29 एवं 30 तारीख को लोगों के घरों में शहनाइयां बज सकेंगी. इसी तरह जून महीने में 1, 3, 5, 6, 7, 11, 12, 23, 24, 26 एवं 27 तारीख को विवाह योग्य शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.
इसके बाद 29 जून को हरि शयनी एकादशी है जिस दिन से चातुर्मास आरंभ हो जायेगा. चातुर्मास में विवाहादि शुभ कार्य वर्जित होंते हैं. उसके बाद नवंबर में देवोत्थान एकादशी के बाद 23 नवंबर से विवाहादि के लिए शुभ मुहूर्त शुरू होंगे. नवंबर में 23, 24, 27, 28 एवं 29 तारीख को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त होगा. इसी तरह दिसंबर माह में कर्क संक्रांति से पूर्व 5, 6, 7, 8, 9, 11 एवं 15 तारीख को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त बनेगा.