

न्यूजभारत20 डेस्क:- असम पंचायत चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं और इस बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए 325 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह परिणाम राज्य में एनडीए के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है और आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक अहम राजनीतिक संकेत माना जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी ने अकेले सबसे ज्यादा सीटें जीतीं, जबकि उसके सहयोगी दलों—असम गण परिषद (AGP) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (UPPL)—ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। कुल मिलाकर गठबंधन ने 325 सीटों पर जीत हासिल की, जिससे यह साफ हो गया कि ग्रामीण इलाकों में भी बीजेपी का जनाधार मजबूत हो रहा है। कांग्रेस, जो राज्य में परंपरागत रूप से मजबूत रही है, को इस चुनाव में झटका लगा है।

पार्टी को अपेक्षा के विपरीत कम सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। AIUDF और अन्य क्षेत्रीय दल भी बीजेपी गठबंधन के मुकाबले पीछे रह गए। चुनाव नतीजों के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे ‘विकास की जीत’ बताया। उन्होंने कहा, “असम की जनता ने एक बार फिर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास एजेंडे पर भरोसा जताया है। हम हर पंचायत को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाएंगे।” विशेषज्ञों का मानना है कि पंचायत चुनाव में बीजेपी गठबंधन की सफलता का बड़ा कारण स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देना और सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करना रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, बिजली, जल आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार जैसे मुद्दों को जनता ने सराहा। इस जीत को बीजेपी के लिए आगामी विधानसभा चुनावों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। पंचायत स्तर पर मिली यह सफलता आने वाले दिनों में बड़े चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित कर सकती है।