भाजपा नेता देवेंद्र सिंह ने राज्यपाल को लिखा पत्र, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के कार्यशैली पर उठाया सवाल ,  झारखंड में स्वास्थ्य मंत्रालय अव्यवस्था का शिकार: देवेंद्र सिंह

Spread the love

जमशेदपुर :-  भाजपा जमशेदपुर महानगर के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं पश्चिमी विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी रहे देवेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर कई आरोप लगाए हैं। गुरुवार को वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के कार्यशैली पर सवाल उठाए। देवेंद्र सिंह ने महामहिम राज्यपाल को पत्र लिखकर प्रदेश में कोविड-19 से झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को अव्यवस्थाओं का शिकार बताया। महामहिम राज्यपाल को लिखे पत्र के आलोक में उन्होंने वर्चुअल प्रेस-वार्ता आयोजित कर कहा कि स्वास्थ्य मंत्री की अदूरदर्शिता, भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन देने के चलते जमशेदपुर शहर ही नहीं बल्कि झारखंड की संपूर्ण ग्रामीण परिवेश में कोरोना बीमारी ने विकराल रूप धारण किया।

उन्होंने बिन्दुवार सवाल उठाते हुए बन्ना गुप्ता पर सीधा निशाना साधा।

1. झारखंड में दूसरी लहर आने के पहले ही विशेषकर जमशेदपुर में करीब 700 स्वास्थ्य कर्मचारियों को जबरन हटा दिया गया, मोदी केयर फंड से जो वेंटीलेटर अस्पतालों में दिए गए थे उससे लोगों की जान बचती, टेक्नीशियन के अभाव में अधिकतर वेंटिलेटर गोदाम की शोभा बढ़ा रहे हैं।

2. झारखंड में डॉक्टरों का घोर अभाव है, जब से यूपीए की सरकार झारखंड में आई कोई नया हॉस्पिटल तो नहीं बना लेकिन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता अपने निजी स्वार्थ के चलते जमशेदपुर में रघुवर सरकार के समय प्रारंभ हुई आधुनिक सुविधाओं से संपन्न मेडिका हॉस्पिटल बंद करा दिए और भी कई हॉस्पिटल बंद होने की कगार पर है।

3. जमशेदपुर में टाटा मेन हॉस्पिटल, टेल्को हॉस्पिटल आधुनिक सुविधाओं से संपन्न है। इसलिए लोगों की जान लगभग बच जा रही है। यदि ये हॉस्पिटल नहीं रहते तो झारखंड में मरने वालों का आंकड़ा कोविड-19 से बहुत ज्यादा होता।

4. जमशेदपुर ही नहीं पूरे झारखंड RTPCR कोविड-19 टेस्टिंग की रिपोर्ट अधिकतम 24 घंटे में आना चाहिए था, वह हफ़्ता से ज्यादा लग रहा है, ऐसे में मरीज अनजाने में कई लोगों को कोरोना फैला देता है। ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग नहीं के बराबर है टीकाकरण कछुए की चाल चल रहा है।

5. विगत दिनों स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता अपने निजी सचिव के माध्यम से जो स्वास्थ्य कर्मचारी 45 साल से ऊपर वालों को स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके लगा रहे थे उन्हें जबरन मारपीट कर गाली गलौज कर अपने जमशेदपुर कदमा स्थित निजी कार्यालय में लाकर करीब 4 दर्जन निजी चेलों का टीकाकरण कराया। मंत्री जी के निजी सचिव पर मुकदमा हुआ जबकि मंत्री जी का नाम उस मुकदमे में होना चाहिए था।

6. स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता केवल जमशेदपुर-रांची ही घूमते रहते हैं। क्या जमशेदपुर-रांची ही पूरा झारखंड है, पलामू, संथाल परगना, गिरिडीह इत्यादि क्षेत्रों में जाते ही नहीं। कारण मात्र यह है कि जमशेदपुर-रांची में ही इनका निजी स्वार्थ छिपा हुआ है।

7. जमशेदपुर में उमा नर्सिंग होम है। उसे किस नियम के तहत झारखंड स्वास्थ्य मंत्री ने पीएम केयर्स फंड से मिला हुआ वेंटिलेटर दिया, इसकी जांच होनी चाहिए।

8. सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉ बीमार पड़ने पर वहां इलाज नहीं करा कर टीएमएच, रांची अपोलो, रांची मेडिका में ही क्यों जाते हैं। यह दर्शाता है कि झारखंड के सरकारी अस्पतालों की स्थिति भ्रष्टाचार के चलते अत्यंत ही दयनीय है, जर्जर है। इनके विभाग के सचिव डेढ़ साल में तीन बार निजी आप्त सचिव सरकारी चार बार हटाए गए। अनैतिक तरीके से सिविल सर्जनों का ट्रांसफर पोस्टिंग यह दर्शाता है कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार चल रहा है। निजी नर्सिंग होम एवं दवाई दुकानदार स्वास्थ्य मंत्री के आतंक से भयभीत रहते हैं कब उनके ऊपर झूठा मुकदमा ठोक कर जेल भेज दिया जाएगा, कुछ पर झूठा मुकदमा हुआ भी है कुछ जेल भी गए हैं। टूलकिट गैंग भारत में सक्रिय हुआ है मालूम चलता है कि झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री भी उसी गैंग आदर्श पर चल कर भारत सरकार के प्रति झूठ फैलाकर अपनी सरकार की असफलता को छुपा कर जनता को गुमराह कर रहे हैं।

भाजपा नेता देवेंद्र सिंह ने महामहिम राज्यपाल से मांग की है कि झारखंड को बचाना है तो आप संज्ञान लेकर उपरोक्त मामलों की जांच के लिए आदेश देने की कृपा करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *