भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से किया मुलाकात, प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर संज्ञान लेने की मांग की।

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जमशेदपुर:-  झारखंड प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने शनिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख लक्ष्मणभाई मांडविया से मुलाक़ात कर मिले दायित्व के लिए अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने सूबे की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर विशेष संज्ञान लेने सम्बंधित आग्रह किया।

उन्होंने जमशेदपुर स्थित कोल्हान क्षेत्र के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल एमजीएम में व्याप्त अव्यवस्था के निमित्त विशेष नज़र रखने की माँग की। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि जमशेदपुर झारखंड की औद्योगिक राजधानी है और देश के विभिन्न प्रांतों से लोग आकर यहाँ बसते हैं। किसी भी गंभीर स्थिति के लिए पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था महज़ टाटा स्टील के टीएमएच अस्पताल पर निर्भर है। राज्य सरकार के अस्पताल एमजीएम की स्थिति इतनी दुर्भाग्यजनक है कि एक सीटी स्कैन जैसी जाँच भी अस्पताल में लगभग दो साल से बंद है। प्रखंडों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की घोर अनुपलब्धता है। उन्होंने पिछले दिनों राजधानी रांची के रिम्स अस्प्ताल में गिरिडीह जिले के पंचबा की महिला उषा देवी के ब्लैक फंगस से पीड़ित होने के पश्चात इलाज में राज्य सरकार की उदासीनता का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि जब परिजनों ने कोर्ट में अर्जी लगाई तो कोर्ट के आदेश के बाद पीड़ित महिला का इलाज प्रारंभ हुआ। उन्होंने कहा कि इन सब मामलों में प्रत्येक व्यक्ति कोर्ट नहीं जा सकता। ऐसे में ब्लैक फंगस के समुचित इलाज की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने मंत्री श्री मांडविया से आग्रह किया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए केंद्र सरकार की विशेष टीम दौरा कर एमजीएम को सुधारने की कार्य योजना तैयार करे ताकि इस पर विशेष पहल हो सके। राज्य में कोरोना की संभावित तीसरी लहर से लड़ने के लिए राज्य में पीएम केयर्स के पैसों से लगने वाले ऑक्सीजन प्लांट अब तक व्यवस्थित नहीं हो सके हैं। केंद्र सरकार इस विषय को देखे अन्यथा फिर से लोगों के जीवन पर संकट हो सकता है।

जमशेदपुर में सुपर स्पेशियालीटि अस्पताल की स्थापना हो, इस दिशा में भी अत्यावश्यक पहल करने का आग्रह किया। कुणाल ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि सीमावर्ती प्रखंडों के ज्यादातर कमज़ोर आर्थिक स्थिति वाले मरीज़ बंगाल और उड़ीसा पर निर्भर करते है।

जिले के कई प्राईवेट अस्पताल आयुष्मान योजना में आच्छादित होते हुए भी जान-बूझ कर गरीब मरीजों को आयुष्मान योजना के कोटे से अस्पताल मे दाखिला नहीं देते हैं, क्योंकि कई बार सरकारी पैसे का भुगतान देर से होता है और कई मौकों पर कई अस्पताल मरीजों की विवशता का फ़ायदा उठाकर उन्हें बिना आयुष्मान योजना के दाखिला करवाकर ज्यादा पैसे वसूलते हैं। आयुष्मान योजना अंतर्गत सभी अस्पतालों और उपलब्ध बेड व चिकित्सीय सुविधा को ज़िला स्तर पर ही ऑनलाइन किया जाए ताकि लोग रियल टाईम पर जानकारी प्राप्त कर सकें और चंद अस्पताल जानकारी छुपा नहीं सकें।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख लक्ष्मणभआई मांडविया ने सभी विषयों गंभीरतापूर्वक सुनते हुए कहा कि वे विभागीय स्तर पर उपरोक्त विषयों पर संज्ञान लेकर जल्द ही आवश्यक कार्यवाही करेंगे।

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