तानाशाही का मिशाल पेश की सीडीपीओ, पांच लोगो पर दर्ज कराई प्राथमिकी

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बिक्रमगंज: सावधान:सुशासन सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार की मोटी होती गठरी का शिकायत नौकरशाहों के कार्यालय कक्ष में किया या वार्तालाप की वीडियो बनाकर वायरल किया तो दर्ज हो सकती है प्राथमिकी।जी हा एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है।बीते सप्ताह प्रखंड क्षेत्र के मानपुर और घोसिया खुर्द पंचायत के त्रिस्तरीय निर्वाचित जनप्रतिनिधि एव इनके पति द्वारा अपने अपने वार्डो के आंगनवाड़ी केंद्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर सीडीपीओ कार्यालय पहुंचे थे।इस बीच वार्तालाप के दौरान किसी ने वीडियो बनाकर आधा दर्जन से अधिक बने वाटशाप ग्रुपों में वायरल कर दिया गया।त्तपश्चत कुछ यूट्यूब व पोर्टल मीडिया से जुड़े लोगो ने प्रमुखता से कवरेज कर प्रसारित भी कर दिया।हालांकि अधिकारी संग जनप्रतिनिधियों की वार्तालाप वायरल वीडियो में कोई आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग होते नही दिख रहा है।लेकिन सीडीपीओ कमला सिन्हा यह कहते दिख रही है कि एक एक हजार रुपए की मांग के साथ शिकायतकर्ताओं को धमकाते हुए कार्यालय कक्ष से बाहर जाने की चेतावनी देते नजर आ रही है।

अपनी हिटलरशाही रवैया से इन दिनों बखूबी सुर्खिया बटोर रही सीडीपीओ पर मनगढ़ंत एव बनावटी प्राथमिकी करीब ढाई सप्ताह बाद दर्ज कराने का आरोप लगाते हुए त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों ने झूठा और बेबुनियाद बताया।कहा कि ऐसी कोई घटना घटित नही हुई है।कहा कि बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कमला सिन्हा एक तानाशाह और भ्रष्ट अधिकारी है तथा दलालों,चाटुकारों से हमेशा घीरी रहती है। विभिन्न वार्डो का आंगनबाड़ी केंद्र से संबंधित जानकारी के लिए मानपुर और घोसिया खुर्द के आधा दर्जन से अधिक बीडीसी व वार्ड सदस्य बाल विकास कार्यालय पहुंचे थे।

सारे सदस्य जब आगनबाडी केंद्र से संबंधित जानकारी लेना चाहा तो इस पर सीडीपीओ कमला सिन्हा गुस्से में हो गई और सारे सदस्य को धमकी देते हुए कार्यालय से बाहर जाने के लिए बार-बार कहने लगी यहां तक कि सदस्यों को बैठने तक भी कहना उचित नहीं समझा।आरोप लगाया कि दुर्भावना से ग्रसित होकर शिकायतकर्ता जनप्रतिनिधियों सहित एक ग्रुप के दो एडमिन पत्रकारों पर स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है।जबकि वीडियो दर्जनों ग्रुपों में वायरल हुई थी तथा यूट्यूब व पोर्टल पर प्रमुखता से प्रसारित किए गए थे। कहा कि नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में करीब डेढ़ सौ से अधिक आंगनवाड़ी केंद्र संचालित है और सीडीपीओ सब से नाजायज कमाई करने के लिए दबिश बनाती रही है।कही भी पोषक वितरण नही हो रहा है।जिसको लेकर हमसभी जनप्रतिनिधि अपनी बात रखने गए थे।कई गंभीर आरोप लगाते हुए डीएम रोहतास से सीडीपीओ की कार्यशैली व संपति की उच्चस्तरीय जांच कराने तथा दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि क्या कोई जनप्रतिनिधि शिकायत करने जायेगा तो अधिकारी उन पर मुकदमा दर्ज कराएंगे।यह तानाशाही का जीता जागता उदाहरण है।

एक तरफ सूबे की सरकार कहती है की भ्रष्ट अधिकारियों के कार्यशैली का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कीजिए वही दलालों के परामर्श पर दूसरी तरफ केश करवाई जा रही है। नराजगी व्यक्त करते हुए लोगो ने बताया कि तत्काल प्राथमिकी वापस नही ली गई तो जन सहयोग से भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रखंड एव जिला मुख्यालय पर धरना का आयोजन किया जाएगा।उधर काराकाट के पूर्व विधायक राजेश्वर राज ने कहा कि सरकारी कार्यालय किसी की बपौती नहीं है कि किसी को कोई आने जाने से रोक सकता है या शिकायत करने वालो पर ही कारवाई की जायेगी।बेलगाम अधिकारियो पर सरकार शीघ्र लगाम लगाए।

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