

जमशेदपुर :- जिले में स्वास्थ्य की व्यवस्था ईतनी लचर हो गई है कि इस बात का अंदाजा लगाना भी मुश्किल हो गया है। शहर में कई निजी नर्सींग होम, पैथोलॉजी सेंटर और अस्पतालों को व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए क्लीनिकल एस्टेबलिस्मेंट ऐक्ट लागू किया है। लेकिन इसका पालन सिर्फ कागज में ही होता दिख रहा है । निजी अस्पताल, पैथोलॉजी सेंटर ने इस नियम को पूरा करने के लिए निबंधन तो कराया है लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला जिला के कई अस्पतालों और नर्सींग होम की अगर बात करें तो किसी में भी वहाँ मिलने वाली सुविधाएं और उसकी राशि की सूची नहीं मिली। जबकि क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट ऐक्ट के तहत यह अनिवार्य है। क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट ऐक्ट के तहत रेजिस्ट्रैशन कराने के बाद एक बोर्ड लगाने की जरूरत होती है जिसमें वहाँ मिलने वाली सारी सुविधाएं , इलाज और उसकी राशि लिखना अनिवार्य है। ताकि मरीजों के साथ पारदर्शिता बनी रहें। शहर में इसस ऐक्ट की जांच के लिए टीम भी बनाई गई है लेकिन उसका असर नहीं दिखता है। नतीजा यह है कि इसकी कीमत शहर के लोगों को चुकानी पड़ रही है।


Reporter @ News Bharat 20