डीएफओ ने प्रकृति की पाठशाला में बच्चों को दी प्रकृति से जुड़ने की नसीहत , तुतला भवानी स्थित स्थायी पौधशाला में पटना से आए वन विभाग के अधिकारी अमित कुमार ने लिया भाग

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तिलौथू / रोहतास (केवल कुमार) :- तिलौथू कैमूर पहाड़ी की स्थिति मां तुतला भवानी की गोद में वन विभाग द्वारा लगाए गए स्थाई पौधशाला में स्थानीय विद्यालय के बच्चों ने प्रकृति की पाठशाला कार्यक्रम में भाग लिया और डीएफओ प्रदुमन गौरव से प्रकृति के महत्व की जानकारी प्राप्त की। इस संबंध में रोहतास वन प्रमंडल क्षेत्र के डीएफओ प्रदुमन गौरव ने बताया कि अब प्रत्येक गुरुवार को तिलौथू के तुतला भवानी स्थित स्थायी पौधशाला में प्रकृति की पाठशाला के तहत कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और इसमें प्रखंड क्षेत्र के तमाम विद्यालयों के बच्चों को प्रत्येक गुरुवार को प्रकृति की पाठशाला में प्रकृति से जुड़ने और प्रकृति के महत्व के बारे में बताया जाएगा। मंगलवार को तुतला भवानी स्थित पौधशाला में जयनगरा गांव के शिशु संस्कार केंद्र के सैकड़ों बच्चों ने प्रकृति की पाठशाला में शामिल होकर प्रकृति से जुड़ने व पौधों की हिफाजत करने तथा जीव जंतुओं की संरक्षण करने संबंधी बातों की जानकारी ली। डीएफओ प्रदुमन गौरव ने बच्चों को बताया कि प्रकृति को हम किस तरह से बचा सकते हैं। आप सभी बच्चे देश के भविष्य हैं और प्रकृति से ही हमारा जीवन है। जल, जीवन और हरियाली यह मनुष्य के जीवन में तथा धरती पर वास करने वाले सभी जीवो के लिए प्रकृति की रक्षा करना अहम बन जाता है। प्रकृति की रक्षा करना यानी कि धरती पर रह रहे सभी जीवो की रक्षा करना है। डीएफओ ने बच्चों को बताया कि जैसे आप विद्यालय में जाने के बाद नर्सरी कक्षा से आपकी पढ़ाई की शुरुआत होती है, उसी तरह से पौधों का की भी नर्सरी होती है, जहां से पौधों की शुरुआत होती है और फिर जंगल में पौधों की क्या महत्व बन जाता है , कब-कब पौधों का किस तरह से संरक्षण किया जाना चाहिए इत्यादि बातों को बताया। पौधों का संरक्षण, जल संरक्षण, वायु की शुद्धता, जीवो की रक्षा इत्यादि बिंदुओं पर बच्चों को प्रकृति की पाठशाला में नेचर की जानकारी दी गई। इस पाठशाला में पटना से आए 95 बैच के गुजरात कैडर के सीनियर वन पदाधिकारी अमित कुमार ने भी भाग लिया। इस मौके पर कार्यक्रम में महिला वनरक्षी पुनीता कुमारी, खुशबू कुमारी, पिंकी कुमारी, आराधना कुमारी, अभिलाषा कुमारी, पुरुष वनरक्षी भीम कुमार, पुरुषोत्तम कुमार, राकेश कुमार, सर्वेश कुमार साथ ही वनपाल बाल्मीकि सिंह कार्यक्रम में शिशु संस्कार केंद्र के प्रधानाचार्य उमेश शुक्ला प्रदीप उपाध्याय सुप्रिया कुमारी बिंदु शुक्ला सहित लगभग 50 छात्र छात्रा ने भाग लिया उक्त कार्यक्रम में वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रदुमन गौरव ने अंकित कुमार नवम वर्ग के छात्र से प्रश्न उत्तर में उन्होंने पूछा डोडा पक्षी के बारे में बताएं तब विद्यार्थी ने डोडा पक्षी का मांस अच्छा लगता है और वह डोडा पक्षी उड़ने में सार्थक नहीं होने के कारण उन पक्षियों को मानव अपना शिकार बना लेते हैं जिस कारण यह पक्षी विलुप्त हुई यह डोडा पक्षी मोर एस एस का नामी-गिरामी पक्षी रहा करते थे मॉरीशस में विलुप्त होने के चलते हैं बहुत सारे पैसे पेड़ पौधे विलुप्त हो गए हैं जो डोडा पक्षी उन पौधों के बीजों का सेवन करते थे और उसके पश्चात उनके द्वारा मल त्याग के बाद पौधे जो बनते थे वैसे पर्यावरण में बना पाना मुश्किल प्रतीत हुआ इस तरह के प्रश्नों की जवाब खुश होकर के डीएफओ ने उक्त विद्यार्थी को एक टॉफी प्रदान किया , उक्त कार्यक्रम में वनों के क्षेत्र पदाधिकारी सत्येंद्र शर्मा का अहम भूमिका रही तथा , चेनारी व शिवसागर के सभी वनरक्षी व वन विभाग के सभी अधिकारी व सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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