
धनबाद :-धनबाद और झारखंड के कई जिलों में आतंक का पर्याय बन चुके कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया। अमन साव पर 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या, रंगदारी, लूट, अपहरण और फायरिंग जैसी संगीन वारदातें शामिल थीं। पुलिस ने उसे रायपुर जेल से रांची ले जाते समय पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के अंधारी ढोड़ा में मुठभेड़ में ढेर कर दिया।

कैसे हुई मुठभेड़?
अमन साव को रायपुर जेल से रांची लाया जा रहा था। जब पुलिस वाहन अंधारी ढोड़ा के पास पहुंचा, तो अचानक एक दुर्घटना हो गई। इस हादसे का फायदा उठाकर अमन साव पुलिस से हथियार छीनकर भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस ने उसे घेर लिया और बार-बार आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन उसने जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। इस पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और अमन साव को गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
अमन साव का आपराधिक इतिहास
अमन साव का नाम झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में अपराध की दुनिया में कुख्यात था। उसने अपने अपराध की शुरुआत धनबाद के कोयला कारोबारियों से रंगदारी वसूलने से की थी। धीरे-धीरे उसने अपने गैंग का विस्तार किया और हत्या तथा अपहरण जैसी वारदातों को अंजाम देने लगा। धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, बोकारो, रांची में उसका नेटवर्क फैला हुआ था। हाल ही में रांची के कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा और हजारीबाग एनटीपीसी के डीजीएम कुमार गौरव पर गोलीबारी में भी उसका नाम सामने आया था। झारखंड पुलिस ने उस पर इनामी राशि घोषित कर रखी थी, और उसे पकड़ने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा था।
धनबाद कोयला माफियाओं का गढ़ माना जाता है। अमन साव भी इस गैंगवार का हिस्सा था। उसने कोयला कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों और ठेकेदारों से जबरन रंगदारी वसूलने का धंधा शुरू किया था। वह सरायकेला, चाईबासा और बोकारो में भी कई अपराधों में शामिल था।
उसके पास AK-47, कार्बाइन, पिस्टल और देसी कट्टे जैसे अत्याधुनिक हथियार थे। उसके गैंग में 50 से ज्यादा बदमाश शामिल थे, जो अलग-अलग जिलों में संगठित अपराध को अंजाम देते थे।
पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था अमन साव
झारखंड पुलिस के लिए अमन साव एक बड़ी चुनौती बना हुआ था। उसने पुलिस पर कई बार हमला किया और फरार होने में कामयाब रहा। 2022 में धनबाद में पुलिस पर हमला कर भागने में सफल हुआ था। 2023 में गिरिडीह के एक होटल में छिपा था, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले फरार हो गया। पिछले साल हजारीबाग में एक व्यवसायी से 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। लेकिन इस बार पुलिस ने उसकी हर चाल को नाकाम कर दिया और मुठभेड़ में उसे मार गिराया।
मुठभेड़ के बाद पुलिस का बयान
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अमन साव का मारा जाना झारखंड में अपराध पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ी सफलता है। धनबाद, गिरिडीह और बोकारो के व्यापारियों ने राहत की सांस ली है।
झारखंड पुलिस के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने कहा,
“गैंगस्टर अमन साव पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। यह अपराध की दुनिया के लिए एक बड़ा झटका है। झारखंड में अब अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।”
धनबाद और झारखंड के लिए अमन साव एक बड़ा खतरा बन चुका था। उसकी मौत से कोयला कारोबारियों, व्यापारियों और ठेकेदारों ने राहत की सांस ली है। लेकिन इस मुठभेड़ के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि झारखंड में अपराध का ग्राफ गिरता है या कोई नया गैंग उभरता है।
पुलिस के लिए यह एक बड़ी जीत है, लेकिन अपराधियों के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए अभी और भी सख्त कार्रवाई की जरूरत होगी।
