गालूडीह में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के लिए किया गया दावा का वितरण

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गालूडीह:- प्राथमिक स्वास्थ केंद्र गालूडीह की ओर से राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम सोमवार से शुरू किया गया। स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डा. सुशांत माझी ने कार्यक्रम की शुरुआत दवा सेवन कर किया।23 से 27 अगस्त तक सार्वजनिक दवा सेवन मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) की खुराक घर-घर जाकर वितरण की जोगी। सोमवार को महुलिया पंचायत के बोधपुर गांव में स्वास्थ्य सहिया शीला गोप ने घर-घर जाकर दवा का वितरण की और सेवन का तरीका व फायदा बताया। स्वास्थ्य सहिया शीला गोप ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार डीईसी की एक गोली 100 एमजी व अल्बेंडाजोल की एक गोली 400 एमजी की है, जिसे वितरण करना है। एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाओं व गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को ये दवा नहीं देना है।

जबकि एक से 2 वर्ष वाले को सिर्फ आधी गोली पानी में मिलाकर देना है। वही 2 से 5 साल तक के बच्चों को दोनों दवा की एक- एक गोली, 6 से 14 वर्ष को 2 डीईसी व 1 अल्बेंडाजोल, 15 वर्ष से अधिक उम्र वाले को तीन डीईसी एवं एक अल्बेंडाजोल देने का विभागीय निर्देश है। कार्यक्रम में फार्मासिस्ट अरुण दास, एएनएम पूनम कुमारी, मुरारी मोहन दत्ता, मंजू देवी शामिल थे। बहरागोड़ा में फाइलेरिया दवा वितरण शुरू किया गया : बहरागोड़ा में फाइलेरिया की दवा खिलाए जाने को लेकर बनाए गए हर बूथों में फाइलेरिया का दवा खिलाने का शुभारंभ किया गया।

यह दवा बूथ स्तर में तीन दिन स्वास्थ्य सहियाओं के द्वारा खिलाया जाएगा उसके बाद दो दिन डोर टू डोर अभियान चलाकर फाइलेरिया का दवा खिलाई जाएगी। इस संबंध में बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ओमप्रकाश चौधरी ने कहा कि पूरे राज्य स्तर पर फाइलेरिया से बचाव को लेकर फाइलेरिया की दवा खिलाई जा रही है आज बहरागोड़ा प्रखंड में भी फाइलेरिया का दवा खिलाने की शुभारंभ हुई। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा पूरे बहरागोड़ा प्रखंड में डेढ़ लाख लोगों को फाइलेरिया का दवा खिलाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। आज से 3 दिन यानी 25 अगस्त तक बूथ स्तर में दवा खिलाया जाएगा 26 अगस्त एवं 27 अगस्त 2 दिन स्वास्थ्य सहियाओं के द्वारा डोर टू डोर जाकर बचे हुए लोगों को फायलेरिया की दवाई खिलाई जाएगी।

बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ओमप्रकाश चौधरी ने कहा कि फाइलेरिया का दवा लोग अधिक से अधिक संख्या में खाएं इसको लेकर विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार अभियान चलाया गया है। फाइलेरिया का दवा लगातार पांच से 7 साल खाने के बाद ही अगर किसी के अंदर में फाइलेरिया की जीवाणु है तो वह समाप्त हो जाएगी, फाइलेरिया जानलेवा बीमारी तो नहीं है लेकिन काफी भयंकर बीमारी है किसी को बीमार हो जाने से रोगी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बहरागोड़ा के सभी बनाए गए बुथो में यानी आंगनबाड़ी केंद्र स्कूल आदि में स्वास्थ्य सेवाओं के द्वारा फाइलेरिया की दवा खिलाई गई।

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