दो दिनों से हो रही बारिश और हवाओं के कारण अब किसानों के चेहरों पर छाई मायूसी,सता रही है भारी नुकसान की आशंका.

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बहरागोड़ा:- बहरागोड़ा प्रखंड क्षेत्र में दो दिनों से हो रही लगातार रिमझिम बारिश से बहरागोड़ा प्रखंड के किसान चिंतित हैं. करीब 16 हजार हेक्टेयर में से करीब 6 हजार हेक्टेयर धान की कटाई होना बाकी है.बहरागोड़ा की चिगड़ा,चित्रेस्वर,मानुसमुड़िया,मौदा समेत कई मौजा में कई एकड़ धान बर्बादी के कगार पर है. धान की फसल जमीन में गिर गयी है. किसानों का कहना है कि इस बार एक बीघा में तीन क्विंटल धान उपजाना संभव नहीं है. धान भींगने से अंकुरित होना तय है.

खेतों में कीचड़ होने से मशीन से धान की कटाई संभव नहीं है.राबिबार से तेज हवाओं के साथ शुरू हुई  बारिश ने एक बार फिर किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। बारिश से तैयार हो चुकी धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इस तूफान के कारण बरसोल के तकरीबन सैंकड़ो किसान प्रभावित नजर आते हैं, जिन्होंने धान और सब्जी की फसलों को अपने खेतों में बो रखा था।
बताया गया कि जिन किसानों ने अपनी धान की फसल को खेतों से हटा लिया था, लेकिन अधिकांश किसानों की फसलें अभी भी खेतों में ही खड़ी हैं। दो दिनों से हो रही बारिश और हवाओं के कारण अब किसानों के चेहरों पर मायूसी है। उन्हें भारी नुकसान की आशंका सता रही है।
नुकसान पर बात करते हुए क्षेत्रों के किसानों ने कहा कि बारिश के कारण धान की फसल पर ज़्यादा प्रभाव पड़ा है। खेत में कट चुकी या अभी भी खड़ी धान की फसलें अब बर्बाद हो चुकी हैं। 55 से 60 फीसद फसलें अब खेत में ही सड़ जाएंगी। किसानों ये भी बताया कि सरकार द्वारा उन्हें मुआवजा समय पर नहीं मिल पाता, जो मुआवजा मिलता भी है, वह बिल्कुल ना के बराबर होता है। किसानों की मांग है कि उच्चस्तरीय जांच टीम के द्वारा प्रभाबित खेत का जांच पड़ताल करके उनको उचित मुआवजा दिया जाय।

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