“एक अजीब दास्तां ” नाटक का हुआ मंचन

Spread the love

जमशेदपुर :- सिदगोड़ा पानी टंकी के पास स्थित लाइब्रेरी के कैंपस में आज दिन रविवार को नाटक  “एक अजीब दास्तां ” का मंचन किया गया . ज्ञात हो कि “एक अजीब दास्तां ” अख्तर अली द्वारा लिखी एक व्यंग्यातमकता नाटक है जो इंसानियत की बात करता है. कई बार बाहरी दुनिया में घटने वाली कई घटनाएं हमें अंदर से हिला देती है और हमारा ईश्वर से विश्वास उठ जाता है, हम अपने द्वारा किए गए कर्मो को ईश्वर पर थोप देते है. नाटक में आरोपी ईश्वर को मार देने की बात पर अड़े रहता है जबकि वकील और जज इस बात को समझाने में लगे रहते है कि ईश्वर निराकार है और उसकी हत्या नही हो सकती . फिर भी आरोपी अपने जिद्द से पीछे नही हटता है और हर बार इसी बात का रट लगाये रहता है कि उसने ईश्वर की हत्या कर के पूरी दुनिया को उससे आज़ाद कर दिया है . मंचित की गई  नाटक अनेक प्रश्न खड़ी करती है जैसे ईश्वर का स्वरूप क्या है? धर्म का स्वरूप क्या है? आस्तिकता क्या है? नास्तिकता क्या है? जब भी आदमी -आदमी से मिलना चाहता है बीच में ईश्वर आ जाता है, बीच में एक धर्म आ जाता है लेकिन लोग इस बात को भूल जाते है कि सभी धर्मो से उपर इंसानियत का धर्म है.  नाटक का निर्देशन प्रेम शर्मा ने किया , नाट्य किरदार  में जज – अमन , वकील – प्रेम शर्मा , सहायक वकील – सुमित कुमार जायसवाल , आरोपी – निशान , व्यवस्थापक – अनमोल, प्रियंक, चंदन , संगीत संचालन – समीर , मंच सज्जा – प्रदीप , प्रकाश संचालन – विवेक , प्रदीप एवं मंच संचालन  अंकुर सारस्वत ने किया . दर्शक के रूप में मुख्य रूप से डॉ आशुतोष कुमार झा , अखिलेश्वर पांडे , डॉ  संध्या सिन्हा , डॉ लक्ष्मण प्रसाद एवं अन्य लोग उपस्थित थे .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *