स्वास्थ्य मंत्री डॉ दिनेश कुमार षडंगी ने भोजपुरी, मोगाही, मैथिली, उर्दू ,ओड़िया एवं बांग्ला भाषा को दिए गए क्षेत्रीय भाषा का दर्जा तुरंत वापस लेने की तीव्र प्रतिक्रिया की जाहिर.

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बहरागोड़ा:- स्वास्थ्य मंत्री डॉ दिनेश कुमार षडंगी ने एक प्रेस वार्ता जारी करके कहा कि मूलवासी सदन मोर्चा के राज्य सरकार से यह मांग की भोजपुरी, मोगाही, मैथिली, उर्दू ,ओड़िया एवं बांग्ला भाषा को दिए गए क्षेत्रीय भाषा का दर्जा तुरंत वापस लेने की तीव्र प्रतिक्रिया जाहिर की है। इस तरह का मांग बेतूका है राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के खिलाफ है झारखंड भाषीय अल्पसंख्यकों का राज्य है यहां कोई भी भाषा बहुसंख्यक भाषा भाषी नहीं है जहां तक ओड़िया एवं बांग्ला भाषा का सवाल है यह दोनों संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज भाषा है उर्दू मुस्लिम अल्पसंख्यकी संविधान मान्यत प्राप्त भाषा है तथा द्वितीय राज्य भाषा के रूप में घोषित है झारखंड के अधिकतर जिलों में खासकर ओड़िया पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम ,सरायकेला खरसावां , सिमडेगा, खूटी तथा कोयलांच में बहुत सारे लोगों की मातृभाषा है बंगला भाषा राजमहल, साहेबगंज,दुमका, जामताड़ा, देवघर, धनबाद , राँची से लेकर चांडिल अनुमंडल तक बहुसंख्यक लोगों की मातृभाषा संपर्क भाषा है मैथिली देवघर व गोड्डा जिले में बहुसंख्यक लोगों की भाषा हैं भोजपुरी पलामू प्रमंडल एवं कोयलांचा बहुत सारे लोगों की भाषा है झारखंड राज्य की निर्माण में यहां की मूलवासी अहम भूमिका निभाई है श्री ए के राय तथा बिनोद बिहारी महतो के चलते ही अलग राज्य की मांग को सर्व ग्रज्यता मिली। इंदर सिंह नामधारी, रुद्रप्रताप षड़ंगी, समरेश सिंह,कालिया मुंडा के नेतृत्व में वनांचल अलग प्रदेश की अंदलोंन के चलते ही भारतीय जनता पार्टी उसको स्वीकार किया फलस्वरूप झारखंड क्षेत्र के 14 लोकसभा सीटो में से 12लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपना जीत दर्ज किया प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने अपनी चुनावी वादा को पूरा करते हुए झारखंड मूर्त रुप देने का काम किया उस समय निर्वाचित सांसदों में भोजपुरी मैथिली एवं बांग्ला भाषी लोग भी थे।

विविधता में एकता ही भाषाई समन्यव हमारा संस्कृती हमारा इतिहास है
बंगला भाषी चैतन्य महाप्रभु ने इस क्षेत्र को झारखंड के रूप में नामकरण किया था राज्य सरकार अपनी बिफलताओ से जनता का ध्यान दूसरी ओर खींच कर गुमराह करने का काम कर रही है भाषाई बिद्वेश दंगा फैलाने काम एक योजना बद्ध तरीके से किया जा रहा है जिसके फलस्वरूप पूर्व मंत्री तथा पूर्व सांसद रविंद्र राय पर हमला को तोड़ फोड़ का मैं तीव्र भरसाना करता हु मैं राज्य सरकार से मांग करता हु की इन फिराक परिस्थिति ताकतों से शक्ति से पेश आये एवं सभी भाषा भाषियों के प्रतिनिधियो साथ मिल कर इसका समाधान करे।

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