जमशेदपुर । चंपाई सोरेन को झारखंड टाईगर के नाम से पूरे झारखंड में जाना जाता है. भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने अपने लिए टिकट लेने के साथ-साथ खरसावां और घाटशिला विधानसभा के लिए भी टिकट ली है. घाटशिला से उन्होंने अपने बेटे को टिकट दिलाया है जबकि खरसावां सीट
से सोनाराम बोदरा को. सोनाराम उनके बेहद करीबी में से एक हैं. अब देखना यह है कि चंपाई सोरेन कितना दहाड़ पाएंगे. वे तीनों के तीनों सीट निकाल लेंगे या गणित कुछ और होगा.
इस बार की चुनाव में गणेश महाली से चंपाई सोरेन को ज्यादा ही परेशानी हो रही है. इसके पहले तक गणेश महाली भाजपा की टिकट पर सरायकेला से चुनाव लड़ा करते थे, लेकिन इस बार पासा बिल्कुल ही पलट गया है. चंपाई भाजपा से और गणेश महाली झामुमो से चुनाव लड़ रहे हैं. 2019 की चुनाव में गणेश महाली काफी कम वोट से हार गए थे. इस बार कहीं गणेश महाली तो चंपाई पर भारी नहीं पड़ेंगे. इस बात की भी चर्चा राजनीतिक गलियारों में हो रही है.
भाजपा की टिकट पर सरायकेला से चुनाव लड़ना और अपनी सीट को निकाल पाना चंपाई सोरेन के लिए एक बडी चुनौती से कम नहीं है. अगर वे अपनी सीट निकाल लेते हैं तब उनकी साख तो बच जाएगी, लेकिन बाकी दो सीटों का क्या होगा चर्चा का विषय बना हुआ है.
ईचागढ़ विधानसभा से इस बार अरविंद सिंह निर्दलीय भाग्य आजमा रहे हैं. उनके लिए यहां से सीट निकाल पाना नाको चने चबाना जैसा है. वे अपनी तरफ से पूरा जोर लगाए हुए हैं. हो सकता है वे चुनावी अखाड़ा भी जीत जाएं, लेकिन आजसू का हरेलाल महतो भी कम नहीं है. उसने भी अपनी पूरी ताकत चुनाव में झोंक दी है.
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