2 करोड़ की जमी दस मिनट बाद 18 करोड़ की हो गई कैसे, श्रीराम जन्म भूमि ट्रस्ट पर लगा गंभीर आरोप, क्या है पूरा मामला

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उत्तर प्रदेश (एजेंसी): सालो से विवादित में फसे अयोध्या के राम जन्म भूमि में अब एक नए बैनामा व एग्रीमेंट विवाद में सामने आया है. श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा दस मिनट पहले खरीदी गई दो करोड़ की जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18.5 करोड़ में करा लिया गया. एक ही दिन हुए बैनामा व एग्रीमेंट में ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह रहे.

पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ने कहा कि अयोध्या के बाग बिजेस्वर में स्थित 12080 वर्ग मीटर एक भूमि का बैनामा बीते 18 मार्च शाम सात बजकर पांच मिनट पर बाबा हरिदास ने व्यापारी सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी को दो करोड़ रुपये में किया था. इसमें गवाह के रूप में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय मौजूद रहे. कहा कि इसी दिन 07:15 मिनट के करीब इसी भूमि का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ रुपये में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया लिया. कहा कि खास बात रही कि एग्रीमेंट में भी ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह के रूप में मौजूद रहे. ट्रस्ट ने 17 करोड़ रुपये सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किया है.

आप सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ दस्तावेज पेश करते हुए कहा  कि जब पहले से इस जमीन का रेट ट्रस्टी व महापौर को मालूम था तो ऐसी कौन सी परिस्थति आ गई, इस जमीन ने ऐसा कौन सा सोना उगल दिया कि दो करोड़ में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट बाद ही 18.5 करोड़ में खरीदना पड़ा. कहा कि देशवासियों ने भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए अपने खून-पसीने की कमाई में से चंदा दिया, उसका ट्रस्ट द्वारा बंदरबांट किया गया और रामभक्तों को ठगने का काम किया जा रहा है. करोड़ों रामभक्तों के साथ छलावा किया गया है. कहा कि प्रभु श्रीराम के नाम पर इतना बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है. ट्रस्ट के भ्रष्टाचार का इससे बड़ा प्रमाण नहीं हो सकता है.

कहा कि बैनामे व एग्रीमेंट में ट्रस्टी और महापौर ही गवाह हैं, इससे जाहिर है कि सारा खेल महापौर व ट्रस्टी की जानकारी में हुआ है. पूर्व मंत्री ने प्रधानमंत्री से मांग किया कि जमीन के नाम पर जो लूट की गई है, इसकी सीबीआई जांच करके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किया जाना चाहिए. साथ ही ट्रांसफर किए गए करीब 17 करोड़ रुपये की भी जांच कराई जाय कि यह पैसा किन-किन लोगों के खातों में गया, उसका कहां उपयोग किया गया.

सिंह ने आगे कहा, ‘एक अजीबोगरीब बात और है, जो जमीन रवि मोहन तिवारी ने हरीश पाठक जी से खरीदी उसका स्टांप तो 5 बजकर 22 मिनट पर खरीदा गया, लेकिन जो एग्रीमेंट साढे़ 18 करोड़ रुपये का हुआ, उसका स्टांप 5 बजकर 11मिनट पर ही खरीद लिया गया। यानी ट्रस्ट ने पहले से ही स्टांप खरीद लिया. उन्होंने कहा, ‘मैं पूछना चाहता हूँ जो जमीन दो करोड़ रुपए में खरीदी गई, वही जमीन ठीक 5 मिनट बाद साढे़ 18 करोड़ रुपये में कैसे खरीद ली गई? मैं समझता हूँ आज उन करोड़ों भक्तों को गहरी ठेस लगी होगी जिन लोगों ने प्रभु श्री राम के नाम पर बने ट्रस्ट पर भरोसा करके करोड़ों रुपए का चंदा दिया लेकिन प्रभु श्री राम के नाम पर उस ट्रस्ट के पदाधिकारी करोड़ों रुपए की हेराफेरी कर रहे हैं.

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