राँची/ जमशेदपुर (संवाददाता ):- आज दिन मंगलवार को रांची हाई कोर्ट ने अस्पताल 111 के संचालक डॉक्टर ओम प्रकाश आनंद की ओर से आर आईटी थाना कांड संख्या 71/ 2021 के प्राथमिकी को रद्द करने हेतु दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी ने फटकार लगाते हुए कहा कि कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जैकब मैथ्यू तथा ललिता कुमारी का निर्णय में दिए गए दिशा निर्देश का अनुपालन आखिर क्यों नहीं किया गया । डॉक्टर ओपी आनंद के अधिवक्ता पिंकी आनंद ( वरीय अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट) अधिवक्ता राजेश रंजन एवं नितेश कुमार ने तर्क प्रस्तुत किया कि किसी भी डॉक्टर के विरुद्ध आपराधिक वाद की प्राथमिकी दर्ज करने के पूर्व प्रारंभिक जांच एवं सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुसार गठित मेडिकल बोर्ड के द्वारा मामले की जांच कराना आवश्यक है , बोर्ड के अनुशंसा के अनुरूप ही कार्रवाई की जा सकती है न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए पहले ही सुनवाई में लोअर कोर्ट में डॉक्टर ओपी आनंद के विरुद्ध कार्रवाई पर रोक लगा दी तथा विपक्षियों से जवाब तलब किया।
ज्ञात हो कि लोअर कोर्ट से बेल रिजेक्ट होने के बाद इसको चुनौती दी गयी थी. हाईकोर्ट में बेल को मंजूरी दी गयी है। वे बीते 23 मई से न्यायिक हिरासत में थे. विदित है कि वैश्विक महामारी कोरोना त्रासदी के दूसरे लहर के दौरान डॉक्टर ओपी आनंद उनकी पत्नी सरिता आनंद एवं डॉक्टर रक्षित आनंद पर कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज में लापरवाही एवं मरीज के परिजनों के साथ बदसलूकी का आरोप लगा था. इसके बाद डॉक्टर ओपी आनंद को 23 मई को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. डॉक्टर आनंद उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग किया था. जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे. हालांकि, बाद में उन्होंने सार्वजनिक तौर पर मंत्री के नाम एक वीडियो जारी कर माफी मांग लिया था.
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