जमशेदपुर: पूर्व सांसद सह आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू का कहना है कि एएसए की ओर से 11 अप्रैल से बेमियादी रेल चक्का जाम किया जायेगा. इसके बाद 30 जून 2023 को संथाल विद्रोह से न्याय और अधिकार पाने के लिए देश में आदिवासी विद्रोह का आगाज किया जायेगा. शनिवार को कुल 20 स्टेशनों पर रेल चक्का जाम किया गया. दो मांगों को लेकर रेल चक्का जाम किया गया था. इसमें पारसनाथ पहाड़ी को आदिवासियों के सुपुर्द करने और सरना धर्म को अलग से कोड देने की मांग शामिल है.सालखन मुर्मू का कहना है कि रेल चक्का जाम सिर्फ झारखंड में ही नहीं बल्कि बिहार, असाम, ओड़िशा और बंगाल में भी किया गया. झारखंड के बारे में कहा कि यहां पर झामुमो की ओर से रेल चक्का जाम को कमजोर करने का भी प्रयास किया गया था.
इसी दिन जन्मे थे शहीद तिलका मुर्मू
सालखन मुर्मू का कहना है कि शहीद तिलका मुर्मू का जन्म 11 फरवरी 1750 को हुआ था. उसी को ध्यान में रखते हुये ही 11 फरवरी 2023 को रेल चक्का जाम की तारीख पक्की की गयी थी. सालखन ने झामुमो पर आरोप लगाया कि आदिवासियों की ईश्वर मरांग बुरू को 5 जनवरी को जैनों के हाथों बेचने का काम किया. कुरमी को एसटी बनाने के पीछे भी जेएमएम का षड्यंत्र है. जेएमएम ने 3 वर्षों में केवल लूट, झूठ और भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड बनाया है. जनता को झुनझुना थमाने के लिए बेवजह झारखंडी जोहार यात्रा किया जा रहा है.
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