झारखंड विद्युत नियामक आयोग का जनता के हित में फैसला,नहीं बढेंगे जमशेदपुर और सरायकेला में टाटा की बिजली के दाम,सामाजिक कार्यकर्ताओं का सामूहिक प्रयास रंग लाया…

Spread the love

न्यूजभारत20 डेस्क/जमशेदपुर:- कहते हैं कि कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती है। शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं का सामूहिक प्रयास रंग लाया है। जमशेदपुर और सरायकेला की जनता के लिए खुशखबरी है कि झारखंड विद्युत नियामक आयोग ने टाटा की बिजली दर नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है। इस बाबत टाटा स्टील यूआईएसएल (पूर्व में जुस्को)की ओर से मेल जारी कर जानकारी दी गई है।

बता दें कि 3अप्रैल को गोलमुरी क्लब में जब टाटा पावर के बिजली के दाम बढ़ाने को लेकर झारखंड विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई आयोजित हुई, तब हमेशा की तरह वहां पर ‘जन’ की मौजूदगी न के बराबर रही। वही चंद लोग नजर आए जो आम तौर पर इस जनसुनवाई में वर्षों से आते रहे। जनसुनवाई में हमेशा की तरह मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा पहुंचे और इस जनसुनवाई को ‘स्पाॅन्सर्ड’ कहा और बिजली के दाम बढ़ाने का विरोध किया। साथ ही सोलर एनर्जी पर बल देने की सलाह दी। वहीं वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता ने बिजली की दर बढ़ाने के टाटा पावर के आवेदन का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि दूसरे शहरों के पावर कट से तुलना नहीं होनी चाहिए, क्योंकि जमशेदपुर के लोगों के स्वास्थ्य की कीमत पर टाटा कंपनी में उत्पादन होता है। लोग प्रदूषण की मार झेलते हैं तब जाकर टाटा कंपनी विश्वस्तरीय बनती है, इसलिए यहां के लोगों को पूरा हक है कि उन्हें सब्सिडाईज/सस्ती दर पर बिजली मिले। अब तो हर कुछ महीने में बिजली की दरें बढाई जा रही हैं और जनसुनवाई महज एक खानापूर्ति बनकर रह गई है। पिछले दो दशकों से यही हो रहा है.अन्नी ने सवाल उठाया था कि यह कैसी जनसुनवाई है जहां जन हैं ही नहीं? अन्नी ने निवेदन किया था कि जनसुनवाई महज एक खानापूर्ति न हो उसके लिए इस बार आयोग परिपाटी तोड़े और हमेशा की तरह दरें बढ़ाने को राजी होने की जगह दर न बढ़ाए।

वहीं राजेश कुमार और सामाजिक कार्यकर्ता सह डाॅक्यूमेंट्रीफिल्म मेकर सौरभ विष्णु ने भी बिजली दरें बढ़ाने का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने आयोग के समक्ष सवाल उठाया था कि लोगों को यह जानने का हक है कि पिछली बार किस बेसिस पर बिजली के दाम बढ़ाए गए? यह कहने के लिए जनसुनवाई है पर यहां हमारी नहीं सुनी जा रही है।

अब जबकि आयोग ने दरें नही बढाने का फैसला किया है, जमशेदपुरवासी खुश हैं। वही मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता और अन्य ने खुशी जताई है। अन्नी अमृता ने ट्वीट कर लिखा है कि जमशेदपुर के लोगों के हक के लिए आवाज उठाना जारी रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *