84वें कांग्रेस अधिवेशन में खरगे का तीखा तेवर, गैर-जिम्मेदार नेताओं को दी खुली चेतावनी

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न्यूजभारत20 डेस्क:- गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित कांग्रेस का दो दिवसीय 84वां अधिवेशन बुधवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस अधिवेशन में पार्टी के शीर्ष नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बड़ी भागीदारी रही। अधिवेशन के दूसरे दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंच से बड़ा संदेश देते हुए पार्टी के गैर-जिम्मेदार और अनुशासनहीन नेताओं को कड़ी चेतावनी दी। अधिवेशन के समापन भाषण में मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ शब्दों में कहा: “पार्टी अनुशासन सर्वोपरि है। जो नेता अपने निजी हितों को पार्टी से ऊपर रखकर बयानबाजी करते हैं या संगठन के खिलाफ काम करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” खरगे ने इस दौरान बिना किसी का नाम लिए उन नेताओं पर निशाना साधा, जो मीडिया या सोशल मीडिया पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देते हैं, जिससे संगठन की छवि को नुकसान पहुंचता है।

खरगे ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए एकजुट होकर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है और सभी नेताओं को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।

  • आगामी चुनावों के लिए रणनीति तय करने पर जोर

  • युवाओं और महिलाओं को संगठन में अधिक स्थान देने की बात

  • क्षेत्रीय स्तर पर संगठन को सशक्त बनाने पर चर्चा

  • भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना और जनहित के मुद्दों पर आंदोलन तेज करने का आह्वान

यह अधिवेशन कांग्रेस के लिए एक तरह से आत्ममंथन और भविष्य की रूपरेखा तय करने का मंच था। पार्टी नेताओं ने इस अवसर पर संगठनात्मक ढांचे में बदलाव, जनता से जुड़ाव बढ़ाने और रणनीतिक रूप से भाजपा से मुकाबला करने के विषयों पर विस्तार से चर्चा की। 84वें अधिवेशन के माध्यम से कांग्रेस ने यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि पार्टी अब अनुशासनहीनता और बगावती तेवरों को बर्दाश्त नहीं करेगी। मल्लिकार्जुन खरगे का यह सख्त रुख पार्टी के भीतर अनुशासन कायम करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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