डेस्क( रिया सिंह ):- हल्दी भारत की एकमात्र ऐसा वनस्पति है जिसका उपयोग हम भारतीय दैनिक जीवन से लेकर हर शुभ कार्यों में करते है। आयुर्वेद मे हल्दी को एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है। यह खाने के रंग ओर स्वाद दोनों को बढ़ाता है, इसके अलावा कई तरह की बीमारियों से बचाव में भी हल्दी का उपयोग होता है। धार्मिक रूप से देखा जाए तो इसको बहुत शुभ माना जाता है भारतीय शादियों मे हल्दी एक रस्म होता है, जिसमे शादी के एक दिन पूर्व वर और वधू दोनों के शरीर पर हल्दी का लेप करने की प्रथा है।आयुर्वेद चिकित्सा मे इसका उपयोग काफी लंबे समय से किया जा रहा है। प्राचीन काल से ही हल्दी को जड़ी बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। हल्दी के कन्द और पत्तों में कपूर और आम जैसी महक होती है। इसी वजह से इसे आमहल्दी भी कहते है।
तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मेघालय और महाराष्ट्र ये कुछ ऐसी जगहे है जो भारत मे हल्दी के बड़े उत्पादक माने जाते है। भारत अकेले दुनिया की 80 फीसदी हल्दी पैदा करता है। हल्दी के निर्यात में 60 फीसदी से अधिक का शेयर इंडिया का है। इसी वजह से इंडिया हल्दी के लिए वर्ल्ड लीडर भी मन जाता है।
आमतौर पर इसका उपयोग सर्दी जुखाम होने पर हल्दी ओर दूध के साथ करते है।
आंखों के दर्द से आराम के लिए 1 ग्राम हल्दी को 25 मिली पानी में उबालकर छानने के बाद इसे आंखों में बार बार से आराम मिलेगा।
त्वचा की अशुद्धियों को दूर करने के लिए हल्दी काफी लाभदायक है। रात में हल्दी लगाने से स्किन की डार्कनेस भी कम होने लगती है और त्वचा नैचुरल ग्लो करने लगता है।
गरम पानी मे हल्दी उबाल लेने के बाद रुई या सूती कपड़े मे लपेट कर भाफ लेने से काफी लाभदायक है।
हल्दी और दारूहरिद्रा, भूनिम्ब, त्रिफला, चन्दन और नीम को पीसकर आप किसी भी तरह के घाव और फूंसी-फोड़ पर लगाने से काफी लाभदायक होता है।
हल्दी काफी सुबह माना जाता है भारतीय परंपरा में हल्दी की शुभता और रंग वर वधू के जीवन में समृद्धि लाता है, यही वजह है कि हिन्दू संस्कृति में, दूल्हा और दुल्हन को शादियों मे हल्दी लगाया जाता है।
हिन्दू धर्म में हल्दी को शुभ और मंगल लाने वाला माना जाता है, क्यूंकी इसमे दैवीय शक्ति होती है । यह एक विशेष प्रकार की औषधि भी है। इसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों मे नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने के लिए की जाती है