केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले कुणाल षाड़ंगी, झारखंड की ध्वस्त कानून व्यवस्था व अन्य गंभीर घटनाओं से कराया अवगत

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■ कहा- झारखंड में क़ानून व्यवस्था भगवान भरोसे, सरकारी संरक्षण में हो रही मवेशियों की तस्करी।
■ आपदा प्रबंधन विभाग के स्वतंत्र कैडर का प्रखंड स्तर पर निर्माण के साथ केंद्र के जेल सुधार नियम राज्य में अविलंब लागू हो।

जमशेदपुर (संवाददाता ):-झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने झारखंड की ध्वस्त कानून व्यवस्था के साथ हाल के दिनों में हुई गंभीर घटनाक्रम पर विस्तृत जानकारी देकर जरूरी पहल की मांग की। उन्होंने कहा कि झारखंड में क़ानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से चरमरा चुकी है। राज्य में हत्या, बलात्कार, लूट, उत्पीड़न की घटनाएं आम हो चुकी हैं। दिन दहाड़े बैंक लूटे जा रहे हैं। पुलिस प्रशासन सरकार में बैठे लोगों के क़रीबी व भ्रष्टाचार में लिप्त सहयोगियों को AK 47 राईफल धारी अंगरक्षक मुहैया करवाने में व्यस्त है। अंकिता को जलाकर मार देने वाले कांड में जिस डीएसपी नूर मुस्तफ़ा ने एफआईआर में बच्ची की उम्र ग़लत लिखवाई उसपर राज्य सरकार ने अबतक कोई कार्यवाही नहीं की है। पुलिस पदाधिकारियों का ट्रांसफ़र पोस्टिंग एक अलग उद्योग बन चुका है।

कुणाल ने बताया कि राज्य के लगभग सभी बड़े शहर ड्रग्स की गिरफ़्त में है। धड़ल्ले से सीमावर्ती थानों में कोयला, बालू, मवेशियों की तस्करी होती है और थानेदारों की रेट बंधी हुई है। नीचे से ऊपर तक सबका हिस्सा तय है इसलिए सरकार जाँच के नाम पर सिर्फ़ ख़ानापूर्ति करती है। राज्य को अंधाधुंध तुष्टिकरण की आग में झोंककर पूरी सरकार कुर्सी बचाने के लिए कभी खूँटी तो कभी रायपुर भाग रही है।

कुणाल षाड़ंगी ने केंद्र सरकार द्वारा जेल क़ैदियों की स्थिति को सुधारने हेतु बनाए गए नियम राज्य में सही ढंग से क्रियान्वित नहीं होने को लेकर भी जानकारी दी। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि केंद्र में आपदा प्रबंधन विेभाग गृह विभाग का अंग है। झारखंड में अब तक आपदा प्रबंधन विभाग का प्रखंड स्तर तक कैडर निर्माण नहीं हो पाया है जिसके कारण आपदा की स्थिति में समन्वय स्थापित करने में अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वस्त किया कि इन सभी विषयों पर वे जल्द समीक्षा कर आवश्यक पहल करेंगे।

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