न्यूजभारत20 डेस्क/जमशेदपुर:- शहर के बिष्टूपुर में मटका माफियाओं का खूब बोल-बाला है। ये मटका माफिया आसानी से अपनी धंधा चला रहे हैं। स्थानीय पुलिस की मिली-भगत से इनका धंधा खूब फल-फूल रहा है। ऐसे में उन्हें रोक-टोक करने वाला भी कोई नहीं है। इसमें जमशेदपुर का सबसे हाई-फाई सोसायटी में बिष्टूपुर का नाम आता है।
बावजूद यहां मटका और लॉटरी जैसे अवैध धंधे खूब चल रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि पुलिस मटका चलाने वालों को पकड़ती नहीं है। जब हाई लेबल से दबाव बनाया जाता है तब खानापूर्ति भी की जाती है। छापेमारी कर एक-दो को जेल भी भेजा जाता है, लेकिन उसका सरगना साफ बच जाता है।
लॉटरी और मटका अड्डे पर रोज लाखों के वारे-न्यारे होते हैं। इन धंधेबाजों को संरक्षण इस कदर से प्राप्त है कि इनका कोई बाल भी बाका नहीं कर सकता है। अगर हाई लेबल से छापेमारी होने वाली है तब भी सूचना उन्हें मिल जाती है और वे अपना ठिकाना बदल लेते हैं।
बिष्टूपुर के पूर्व थानेदार राजेश प्रकाश सिन्हा की बात करें तो उनकी ओर से बिष्टूपुर थाना क्षेत्र में चलने वाले लटरी और मटका वाले धंधे को बंद करवाया था। जबतक वे थानेदार रहे तबतक धंधेबाजों को परेशानी हुई। कारण यह है कि उनकी पोस्टिंग हाई लेबल स्तर से हुई थी और वे जमशेदपुर के अलग-अलग थानों में थानेदारी भी कर चुके हैं।
मटका और लॉटरी वाले धंधे में सफेदपोश भी दागदार ही हैं। उनका भी शह मटका किंग पर प्राप्त है। अगर उन्हें थोड़ी-बहुत आंच आने वाली होती है तो वे मंत्रियों से पैरवी करवाकर धंधे को बदस्तुर चालू करवाने का भी काम करते हैं।