ललित नारायण मिश्रा की जयंती को दो दिवसीय मिथिला महोत्सव के रूप में मनाएगा मिथिला समाज, परंपरा से जोड़ने की रहेगी कोशिश…

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जमशेदपुर :- कोविड के व्यवधान के पश्चात तलित नारायण मिश्र सांस्कृतिक एवं सामाजिक कल्याण समिति व्यतिक्रम को तोड़ते हुए (पूर्व की भांति ही ललित जयंती समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस बार का आयोजन मिथिला महोत्सव के रूप में आगामी 1 एवं 19 मार्च को एग्रिको मैदान में किया गया है। संस्था की सोच है कि जब जनजीवन सहज हो है आम लोगों के जीवन में क्रियाशीलता आ गई है तो सामाजिक सांस्कृतिक जीवन को गतिशील बनाए रखना और उसके लिए प्रयास करना संस्था की जिम्मेवारी है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस अवसर पर कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाने वाले है।  18 तारीख को मैथिली  पुस्तकों की प्रदर्शनी के साथ , मिथिता की ग्रामीण हस्तकता को उत्साहित करने के लिए सीखी कला मिथिला पेंटिंग्स की प्रदर्शनी तथा इसके साथ ही मिथिला  के व्यंजनों के प्रदर्शनी का भी स्टॉल आदि लगाने का निर्णय लिया गया है। इसका उद्घाटन उद्घाटन 5:00 बजे से किया जाएगा। लोग इसमें अपने मनपसंद के पुस्तक को खरीद पाएंगे । इस मौके पर विवाह उपनयन आदि के अवसर पर उपयोग में आने वाली या घर को सजाने के लिए उपयोग में आने वाली हस्तकला के सामग्रियों को भी खरीद पाएंगे। मिथिला में बहुत सारे व्यंजन ऐसे हैं जो बिल्कुल प्राकृतिक तरीके से तैयार किए जाते हैं जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है यह दूरी तिलोरी धनोरी कुभ रोड़ी इन सब का भी स्टॉल लगाने का प्रयास जारी है ताकि लोग परंपरागत शुद्ध भोजन की तरफ मुड़े ।  उद्घाटन सत्र में अतिथि के रूप में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास सांसद जमशेदपुर  विदयुत वरण महतो ,  मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर एवं बन्ना गुप्ता ,संजीव सरदार विधायक पोटका,  अरविन्द सिंह पूर्व विधायक इचागढ़,अरुण कुमार मिश्रा सहायक आयुक्त,  संजीव मल्लिक मंच की गरिमा बढ़ाएंगे। इस अवसर पर बिहार के पूर्व मंत्री  नीतीश कुमार मिश्रा जो स्वर्गीय ललित बाबू के भतीजे हैं और संजय झा जिन्हे जल पुरुष के रूप में भी जाना जाता है की महत्वपूर्ण उपस्थिति रहेगी। उद्घाटन और सम्मान शतक के बाद रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें मिथिला मैथिली के क्षेत्र के मूर्धन्य गायक गायिकाओं को आमंत्रित किया गया है। कई वर्षों के बाद शहर के मैथिली भाषाओं को अपने चहेते उदघोषक रामसेवक ठाकुर की उदघोषणा सुनने का अवसर मिलेगा और पूनम मिश्रा का शास्त्रीय और लोक संगीत के धुरंधर  हरी नाथ झा का मधुर स्वर भी सुनने को मिलेगा और इसके साथ ही 19 अप्रैल की मिथिला हाथ का आयोजन किया गया है जिसमें मिथिला के घरों में परंपरागत रूप से प्रयुक्त होने वाले परंपरागत व्यंजनों को प्रदर्शित किया जाएगा इसमें महिलाओं की भागीदारी सर्वाधिक रहेगी। 19 अप्रैल को समाज संस्कृति साहित्य उद्योग आदि विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सामाजिक विभूतियों को इस अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।

इस अवसर पर गौरी शंकर झा के संपादन में एक स्मारिका का भी लोकार्पण किया जाएगा जिसमें मिथिला मैथिली से संबंधित आलेख कविता कथा आदि को स्थान दिया गया है इसके साथ ही इसमें संस्था के विविध गतिविधियों को भी समय आ गया है यह संस्था के विविध किया विधियों को स्पष्ट करने का एक दस्तावेज क्या में संस्था के आजीवन सदस्यों का नाम पता भी संलग्न है जो महत्वपूर्ण है। अध्यक्ष डॉ एके लाल और महासचिव शंकर पाठक के नेतृत्व में संस्था के सभी कार्यकारिणी और परिवार के सदस्य कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में दिन रात लगे हुए हैं।

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