शोध एंव अनुसन्धान के क्षेत्र में एनआईटी जमशेदपुर एवं सीजीसीआईआर कोलकता मिलकर करेगी काम

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आदित्यपुर : जमशेदपुर स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) एंव कोलकता स्थित सेन्‍ट्रल ग्‍लास एण्‍ड सिरामिक रिसर्च इंस्‍टीट्यूट-(सीजीसीआरआई) ने शोध एंव अनुसन्धान के क्षेत्र में असीम संभावनाओं को देखते हुए एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने एवं नालेज एक्स्चेंज प्रोग्राम के अंतर्गत दोनों संस्थान एनोवेशन को आपस में एक दूसरे के साथ साझा करने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। केन्‍द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसंधान संस्‍थान (सेन्‍ट्रल ग्‍लास एण्‍ड सिरामिक रिसर्च इंस्‍टीट्यूट) कोलकता स्थित यह संस्‍थान वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुससंधान परिषद (सीएसआईआर) के अंतर्गत आरंभ की गई देश की सबसे पहली चार भारत सरकार के प्रस्‍तावित प्रयोगशालाओंमें से एक है जिसे ऑप्टिकल ग्‍लास एवं सिरामिकी के क्षेत्र में सराहनीय विकास से अंतरराष्‍ट्रीय क्षेत्र में विशेष ख्याति मिली है।

कोलकता में सीजीसीआरआई मुख्यालय में एनआईटी- जमशेदपुर के निदेशक प्रो. (डॉ) गौतम सुत्रधार एवं सेन्‍ट्रल ग्‍लास एण्‍ड सिरामिक रिसर्च इंस्‍टीट्यूट सीजी सीआईआर- कोलकता की निदेशक (डॉ) सुमन कुमारी मिश्रा ने एक महत्वपूर्ण बैठक में शोध एंव अनुसन्धान के क्षेत्र में मिलकर काम करने की औपचारिक सहमति व्यक्त की ऑप्टिकल ग्‍लास के विकास के अलावा ग्‍लास एवं सिरामिकी में आधुनिक तकनीकी, कांच संबन्धित मूल्‍यांकन में क्‍ले एवं माइका आधारभूत मौलिक अध्‍ययन के साथ साथ लेज़र ग्‍लास, इन्‍फ्रारेड ट्रांस्मिटिंग फिल्‍टर, सिन्‍थेटिक क्‍वार्टज सिंगल क्रिस्‍टल, हाईटेम्‍परेचर हाई एल्‍यूमिना सिरामिक सील एवं स्‍पेसर आदि पर अनुसंधान करने की पहचान के साथ सीजीसीआरआई को सर्वोपरि स्‍थान पर भी पहुंचा दिया है।

भारत में हो रहे विभिन्‍न शोध एंव अनुसंधान कार्यों के साथ स्‍पर्धा को ध्यान में रखते हुए एनआईटी- जमशेदपुर एवं सीजी सीआईआर- कोलकता ने साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है और इस के लिए दोनों संस्थान जल्द हीं एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर संयुक्त रूप से हस्ताक्षर करेगी।

दोनों संस्थान ने शोधर्थी एंव अनुसंधान से जुड़े छात्रों को आपस में एक दूसरे संस्थान में इनटर्नशीप प्रोग्राम के अंतर्गत अवसर देने का निर्णय लिया है जिससे दोनों संस्थानों के उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग हो पाएगा। इसी कड़ी में एम.टेक. एवं पीएचडी के छात्रों के लिए मार्गदर्शक (गाइड ) के रूप में छात्रों को मदद करने पर भी विचार किया गया है साथ हीं नालेज एक्स्चेंज प्रोग्राम के अंतर्गत दोनों संस्थान शोध एंव अनुसंधान से संबधित एनोवेशन को आपस में एक दूसरे को साझा करेंगे।

एनआईटी जमशेदपुर एवं सीजीसीआरआई एक दूसरे के साथ तकनीकी, अनुभव एंव जानकारी को साझा करेगी साथ हीं दोनों संस्थान में चल रहे परियोजनाओं से भी एनआईटी- जमशेदपुर एवं सीजीसीआरआई- कोलकता के छात्र एवं शोधर्थी जुड़कर नई तकनीकी में हो रहे बदलाव के सम्बंध में विशेषज्ञता हासिल करेंगे।
विदित है की सीजीसीआरआई ने फोम ग्‍लास, ग्‍लास बॉण्‍डेड माइका, स्‍टील प्‍लांट रिफ्रैक्‍टरी आदि पर भी अनुसंधान किए गए ताकि भारतीय उद्योगों की आवश्‍यकताएं भी पूरी की जा सके । दूरसंचार के लिए टेलीकम्‍युनिकेशन, विशिष्‍ट सिरामिकी सामग्री, ग्‍लास फाइबर आधारित कम्‍पोजि़टों का उत्‍पादन, इलैक्‍ट्रोनिकी में से कुछ एक क्षेत्रों में विश्‍वस्‍तरीय पहचान हासिल की गई है। सीजीसीआरआई द्वारा प्रदत्‍त प्रौद्योगिकी की मदद् से स्‍थानीय मिट्टी (क्‍ले) के प्रयोग द्वारा पॉटरी उत्‍पादन दस्तकारों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है ।

एनआईटी जमशेदपुर के प्रवक्ता सुनील कुमार भगत ने बताया की कोलकता में हुई बैठक में एनआईटी- जमशेदपुर के निदेशक प्रो.(डॉ) गौतम सुत्रधार एवं सीजीसीआरआई की निदेशक (डॉ) सुमन कुमारी मिश्रा के साथ साथ सीजीसीआरआई के कई महत्वपूर्ण वरिष्ठ वैज्ञानिक भी शामिल हुए एवं आशा व्यक्त किया की शोध एंव अनुसंधान के क्षेत्र में यह निर्णय महत्वपूर्ण साबित होगी।

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