जमशेदपुर : ईश्वर ने कई रिश्तों को बनाया है, लेकिन सबसे खूबसूरत रिश्ता माँ और बच्चे का ही माना जाता है. जननी कहना जितना आसान होता है, उतनी ही मुश्किल एक जननी की ज़िन्दगी भी होती है. और इसकी शुरुआत बच्चे के माँ के गर्भ में आते ही हो जाती है. ९ महीने के सफर को पार करने के बाद, जब एक नवजात शिशु माँ की गोद में आता है, तो एक अलग ही अलौकिक सुख की अनुभूति होती है, जो सबसे अनोखा पल होता है. और फिर शुरू हो जाती है माँ होने की ज़िम्मेदारी.
और इसका सबसे पहला सुखद अनुभव मिलता है स्तनपान से. बीते सप्ताह नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के नर्सिंग विभाग में विश्व स्तनपान दिवस मनाया गया. इस पूरे सप्ताह नर्सिंग के विद्यार्थियों को स्तनपान के जुडी महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दी गयी. सप्ताह के अंत में नर्सिंग विभाग ने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में, स्मृति सेवा सदन के निदेशक डॉ. सुशील शर्मा मौजूद थे. डॉ. शर्मा ने एक किशोरी से माँ बनने के सफर को बड़ी सहजता से विद्यार्थियों के साथ साझा किया और स्तनपान की महत्वता को भी बताया. इस वर्ष की थीम है काम काजी महिलाओं के ऊपर कि वे अपने बच्चे और काम के प्रति कैसे सामंजस्य बना पाती हैं. कार्यक्रम में बच्चों ने कविता, और नृत्य के माध्यम से स्तनपान की महत्वता पर ज़ोर दिया और कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरे विभाग ने अपना योगदान दिया. कार्यक्रम का संचालन नर्सिंग विभाग की विभागाध्यक्ष चंदा चक्रबोर्ती ने किया.
Reporter @ News Bharat 20