पुण्यतिथि पर भाजपा ने धरती आबा को श्रद्धाभाव से किया याद, माल्यार्पण कर किया नमन , भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी पर आयोजित की गई संगोष्ठी, अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उराँव ने कार्यकर्ताओं को किया संबोधित

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जमशेदपुर:-  अंग्रेजों की हुकुमत के खिलाफ जल, जंगल व जमीन की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 121वीं पुण्यतिथि को भाजपा ने पूरे श्रद्धाभाव से मनाया। बुधवार को पोटका मंडल अंतर्गत हाता चौक पर भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बिरसा मुंडा अमर रहे के नारे लगाकर उनके बताए हुए आदर्शों एवं मार्गों पर चलने का संकल्प लिया। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष बीनानंद सिरका की अगुवाई में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व विधायक मेनका सरदार, लक्ष्मण टुडू, प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी एवं भाजपा महानगर अध्यक्ष गूँजन यादव मुख्यरूप से शामिल हुए।

इस अवसर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पोटका की पूर्व विधायक मेनका सरदार ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ते हुए उस समय हिंदुत्व का परचम हराया था। आदिवासी जनजाति समाज में अनेकों महान क्रांतिकारी पैदा हुए हैं। प्रदेश में ऐसे संगठन काम कर रहे हैं जो वर्ग विभेद करने का काम करते हुए हिंदुत्व के खिलाफ वातावरण बनाने में लगे हैं। ऐसे लोगों से भी हम को सचेत रहने की आवश्यकता है। सनातनी काल से वनवासी समाज हिंदू धर्म का अभिन्न अंग रहा है, आज उन्हें हिंदू धर्म से पृथक करने का षड्यंत्र चल रहा है। ऐसे षड्यंत्रकारी को मुंह तोड़ जवाब देने की जरूरत है।

भाजपा महानगर अध्यक्ष गूँजन यादव ने भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने जीवन भर ईसाई मिशनरी एवं भोले भाले वनवासियों के धर्मान्तरण के विरुद्ध लड़ाई लड़ी थी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने धर्मान्तरण विरोधी बिल लाकर सही मायनों में धरती आबा को सच्ची श्रद्धांजलि दी।

अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उराँव ने गोष्ठी को किया संबोधित: धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की शहादत दिवस पर अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उराँव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कहा बिरसा मुंडा का सम्पूर्ण जीवन मानव कल्याण व राष्ट्र के प्रति समर्पित रहा। उनके जीवन से हमें राष्ट्रधर्म, संस्कृति संरक्षण और राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा मिलती है। हमारे लिए राष्ट्र प्रथम है, देशविरोधी ताक़तों और विघटनकारी शक्तियों के खिलाफ समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर उपेंद्र नाथ सरदार, पुष्पा तिर्की, दुकनिमुई सरदार, चाँदमनी कुंकल, रमेश बास्के, विजय सोय, रमेश नाग, मनोज सरदार, गणेश सरदार, सुदीप डे, हलधर दास, रबिन्द्रनाथ सरदार , मनोज राम और विभीषण सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।

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