

न्यूजभारत20 डेस्क:- ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक का तीखा विरोध किया है। उन्होंने इस विधेयक को “वक्फ संपत्तियों की लूट का जरिया” बताया और देशभर में इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ने की घोषणा की। ओवैसी ने संसद में बोलते हुए कहा, “यह बिल वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने और मुसलमानों की धार्मिक एवं सामाजिक धरोहर को खत्म करने की साजिश है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” AIMIM सांसद ने ऐलान किया कि इस विधेयक के खिलाफ पार्टी पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेगी। उन्होंने मुसलमानों और तमाम अल्पसंख्यक समुदायों से अपील की कि वे लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीकों से इस विधेयक का विरोध करें।

ओवैसी ने भारत की न्यायपालिका से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमारी उम्मीद अब न्यायपालिका से है। हम चाहते हैं कि कोर्ट इसमें दखल दे और इस विधेयक को संविधान विरोधी घोषित करे।” वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार लाना, पारदर्शिता बढ़ाना और सरकार को कुछ अतिरिक्त अधिकार देना बताया जा रहा है। लेकिन ओवैसी सहित कई मुस्लिम नेता और संगठन इसे वक्फ की स्वायत्तता पर हमला मानते हैं। उनका आरोप है कि इससे सरकार को वक्फ संपत्तियों को अधिग्रहित करने का रास्ता मिल जाएगा। ओवैसी के इस बयान के बाद विपक्षी दलों में भी इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है। कुछ अन्य क्षेत्रीय पार्टियों ने भी वक्फ विधेयक के प्रावधानों पर चिंता जताई है। अब देखना यह होगा कि क्या यह बिल संसद में पारित हो पाता है या इसके खिलाफ व्यापक राजनीतिक और सामाजिक विरोध खड़ा होता है।