

न्यूजभारत20 डेस्क:- पहलगाम में 20 अप्रैल की रात आतंकियों के हमले में वीरगति प्राप्त करने वाले शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल का आज भारतीय सेना ने जम्मू में पारंपरिक सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया। इस दौरान परिवारजन, साथियों और वरिष्ठ अधिकारियों की आंखें सजल हो उठीं। 20 अप्रैल की देर रात पहलगाम के पास सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान आत्मीय साहस और सेवाभाव का परिचय देते हुए 28 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल घायल हो गए थे। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद श्रीनगर सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने 21 अप्रैल की शाम अंतिम सांस ली। आज सुबह दोपहर 11 बजे श्रीनगर सैन्य छावनी में आयोजित अंतिम संस्कार समारोह में लेफ्टिनेंट नरवाल को सलामी दी गई। समारोह में सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी, साथी सैनिक, उनके माता–पिता और बहन मौजूद थे। “विनय ने जबर्दस्त हिम्मत दिखाई और बचाव रेस्क्यू ऑपरेशन में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। हम उनके शौर्य को कभी नहीं भूलेंगे, — मेजर जनरल राजीव पाठक, 15वीं कोर कमांडर। शहीद की माता सुश्री सीमा नरवाल पूर्व सैनिक थीं, वहीं पिता स्व. पंकज नरवाल भी एक अनुभवी कैप्टन थे।

परिवार ने कहा कि विनय बचपन से ही देशसेवा के प्रति समर्पित थे और 2022 में भारतीय सैन्य अकादमी से पास-आउट होकर लेफ्टिनेंट बने थे। उनके समर्पण और कर्तव्यपरायणता का परिचय इसी वर्ष फरवरी में डोगरा रेजीमेंट के साथ कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियानों में भी सामने आया था। उस वक्त उन्होंने तीन नागरिकों को सुरक्षित निकालकर साथियों की जान बचाई थी, जिसके लिए उन्हें कोर कमांडर का मेडल दिया गया था। समारोह में शामिल एक साथिन ने बताया, “विनय हमेशा हंसमुख और उत्साही रहते थे। ड्यूटी से लौटकर घर आकर भी वे नई कविताएँ और लेख लिखते थे, उनके शब्दों में भी हम गहराई देखते थे।” अंतिम संस्कार के बाद शवदाह स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और 17 तोपों की सलामी दी गई। इसके पश्चात भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को शहीद के माता–पिता को सुपुर्द किया गया। लेफ्टिनेंट नरवाल की बहादुरी को सलाम करते हुए रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कहा, “हमारे वीर सपूत की कुर्बानी अमर रहेगी। उनका समर्पण देशवासियों के लिए प्रेरणा है।” जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने भी परिवार को राष्ट्रीय वीरता सम्मान प्रदान करने की घोषणा की।