

न्यूजभारत20 डेस्क:- जी हां! झारखंड का सियासी पारा पल-पल बदल रहा है। हेमंत सोरेन के जमानत पर छूटने के बाद इस तरह का कयास नहीं लग रहा था कि वे चंपाई सोरेन को हटाकर खुद सीएम की कुर्सी पर काबिज हो जाएंगे। बावजूद कयास से विपरीत हुआ. इसके पहले तक कल्पना सोरेन के सीएम बनने की चर्चाएं उठ रही थी। गांडेय चुनाव जीतने के बाद तो तय माना जा रहा था कि कल्पना सोरेन सीएम बनेंगी। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ लेकिन सियासी पारा तब भी पल-पल बदल ही रहा था।

7 जुलाई की बजाए अचानक से 4 जुलाई को ही सीएम पद की शपथ लेना भी सिर्फ झारखंड में ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। आखिर क्या बात हो गई थी कि हेमंत सोरेन सबकुछ पल भर में भी तय कर लिया और शपथ ले ली।
इतना सबकुछ होने के बाद भी चंपाई सोरेन चुप्पी साधे हुए हैं। उनकी आदत है वे बहुत कम बोलते हैं, लेकिन जब बोलते हैं तब सभी की बोलती बंद हो जाती है। चंपाई सोरेन ने कभी भी अपने लिए कुछ भी नहीं मांगा।
अब तक की गितिविधियों से साफ लग रहा है कि दिल्ली की तर्ज पर ही झारखंड में सरकार चल रही है। जमानत से छूटने के बाद हेमंत सोरेन ने कहा था कि अगर अब उन्हें जेल भी जानी पड़ी तो वे ईस्तीफा नहीं देंगे। बल्कि जेल से ही अरविंद केजरीवाल की तरह सरकार चलाएंगे।