बंगाल शिक्षक घोटाले पर राहुल गांधी ने उठाई आवाज, राष्ट्रपति मुर्मू को लिखा पत्र

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न्यूजभारत20 डेस्क:- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में हुए बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखते हुए गंभीर चिंता जताई है। अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि 25,753 लोगों को घोटाले में शामिल दिखाया जा रहा है, लेकिन कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जो पूरी तरह निर्दोष हैं और उनका इस घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए और उन निर्दोष उम्मीदवारों को न्याय मिले, जिन्होंने अपनी मेहनत और योग्यता के दम पर शिक्षक पद प्राप्त किया था।

अपने पत्र में राहुल गांधी ने लिखा:
“25 हजार 753 लोग इस जांच में शामिल हैं, लेकिन इनमें से कई ऐसे भी हैं जो पूरी तरह निर्दोष हैं। उनका इस कथित घोटाले से कोई संबंध नहीं है। उन्हें नाहक फंसाया जा रहा है, जिससे उनका करियर और मानसिक स्थिति दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ा है।” उन्होंने राष्ट्रपति से निवेदन किया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार को इस मामले में संवेदनशीलता के साथ हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि किसी निर्दोष के साथ अन्याय न हो। यह मामला पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन (WBSSC) के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती में कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से जुड़ा है। आरोप है कि कई अयोग्य अभ्यर्थियों को पैसे लेकर नौकरी दी गई, जबकि योग्य उम्मीदवार बाहर रह गए। मामला सीबीआई और ईडी द्वारा जांच के अधीन है और कई बड़े नामों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता भी शामिल हैं।

राहुल गांधी का यह पत्र ऐसे समय आया है जब बंगाल में इस मुद्दे पर पहले से ही तीखी राजनीति हो रही है। कांग्रेस इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई बता रही है, वहीं तृणमूल कांग्रेस इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” करार दे चुकी है। विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रपति को लिखा गया यह पत्र एक ओर विपक्ष को राजनीतिक रूप से मजबूती देता है, वहीं दूसरी ओर उन हजारों उम्मीदवारों को उम्मीद भी दिलाता है जो खुद को इस घोटाले में फंसता हुआ पा रहे हैं, बावजूद इसके कि उन्होंने कोई गलती नहीं की।राहुल गांधी का यह कदम शिक्षक भर्ती घोटाले की राजनीति को नया मोड़ दे सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राष्ट्रपति इस पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं और जांच एजेंसियां निर्दोषों को लेकर क्या रुख अपनाती हैं।

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